ज्ञानवापी पर होने वाला है बड़ा खुलासा? जानें GPR सिस्टम के जरिए कैसे होता है सर्वे

What Is GPR System: एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कर रही है। इस सर्वेक्षण को लेकर कर सारे दावे किए जा रहे हैं। इसमें सबसे अधिक चर्चा जीपीआर सिस्टम की हो रही है। आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रेडार सिस्टम क्या होता है और इससे क्या जानकारी सामने आएगी।

GPR System

ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर का सर्वे GPR सिस्टम के जरिए कर रही है।

Gyanvapi Survey News: ज्ञानवापी परिसर में ASI की टीम पिछले छह दिनों से सर्वे कर रही है। परिसर के चप्पे चप्पे पर वैज्ञानिक विधि से सर्वे जारी है। ASI की टीम जिन विधियों से सर्वे कर रही है, उसमें सबसे ज्यादा चर्चा GPR सिस्टम की हो रही है। ASI की टीम GPR सिस्टम के जरिए ज्ञानवापी के निचले हिस्से का सर्वे कर रही है। सवाल ये है कि GPR सिस्टम के जरिए कैसे सर्वे होता है। GPR सिस्टम से क्या जानकारी सामने आएगी।

कैसे होता है जीपीआर सिस्टम से सर्वे?

जीपीआर सिस्टम क्या है, इसके जरिए कैसे सर्वे होता है और इससे क्या-क्या जानकारियां सामने आ सकती है? ये सबकुछ जानने के लिए Times Now नवभारत की टीम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पहुंची। इस दौरान हमारी टीम ने पुरातात्विक विभाग के साथ-साथ जियो फिजिक्स के वैज्ञानिकों से बात की।

अवशेष की सटीक जानकारी आएगी सामने

जियो फिजिक्स के वैज्ञानिकों के अनुसार GPR एक बेहद अत्याधुनिक सिस्टम है। इसके द्वारा जमीन के अंदर के अवशेष की सटीक जानकारी हासिल की जाती है। जमीन से बीस मीटर के अंदर के अवशेष का सही सही पता लगाया जा सकता है। GPR मशीन से रेज निकलती हैं और अवशेष से टकराकर वापस आती हैं।

सर्वे के दौरान वैज्ञानिकों की भूमिका समझिए

ASI सर्वे की टीम में कई विभागों के सदस्य मौजूद हैं। सर्वे के दौरान पुरातात्विक विभाग के वैज्ञानिकों का भी अहम रोल हुई। एक तरफ जहां GPR सिस्टम के जरिए ज्ञानवापी के निचले भूभाग का सर्वे किया जा था है तो दूसरी ओर खंभों, दीवारों और गुम्बद पर उकेरी गई कलाकृतियों के नाप जोख का काम पुरातात्विक विभाग के वैज्ञानिक कर रहे हैं।

अयोध्या के मुकाबले ज्ञानवापी में लगेगा कम समय

BHU के पुरातत्विकविद डॉक्टर अशोक सिंह कहते हैं कि ज्ञानवापी में मिली आकृतियों का अवलोकन किया जा रहा है। इस दौरान ये देखा जा रहा आज की बरामद आकृतियां किस काल खंड की है। उसकी शैली क्या है। इसका पता लगाया जा रहा है। हालांकि उनका कहना था की अयोध्या के मुकाबले ज्ञानवापी सर्वे में कम समय लगेगा।

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