Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, कोर्ट ने मामले को सुनवाई योग्य माना; मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज

Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन से जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मुद्दे की "जटिलताओं" और "संवेदनशीलता" को देखते हुए, यह बेहतर है कि एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी इस मामले को हैंडल करे, जिसके पास काफी अनुभव हो।

वाराणसी की एक अदालत (Varanasi Court) से ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सुलभ प्रकाश ने बताया कि सिविल जज महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने किरण सिंह की तरफ से दाखिल वाद को सुनवाई के योग्य माना है। प्रकाश ने बताया कि हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि संपत्ति के अधिकार के तहत अपनी जायदाद पाने का मौलिक अधिकार है। इस पर अदालत ने यह कहते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी कि इस मामले में पूजा स्थल अधिनियम 1991 लागू नहीं होता है। ऐसे में यह वाद सुनवाई योग्य है।

अदालत 'शिवलिंग' की पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए जाने का दावा किया है।शिवलिंग मिलने के बाद विश्व वैदिक सनातन संस्था ने भी वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में अलग से याचिका दायर की थी। याचिका विश्व वैदिक सनातन संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विशेन की पत्नी किरण सिंह व अन्य ने दायर की है

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