Gyanvapi ASI Survey: आज राडार तकनीक से हो सकता है सर्वे, जानिए दो दिन में ASI को ज्ञानवापी में क्या-क्या मिला?

Gyanvapi ASI Survey: वकीलों की ओर से दावा किया गया है कि ASI की टीम परिसर में मौजूद हिंदू धर्म के चिह्नों को जुटा रही है। पहले दो दिन इन चिह्नों को इकट्ठा करके एक जगह पर स्टोर किया गया है। तीसरे दिन भी एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर में पहुंच चुकी है।

Gyanvapi ASI Survey

ज्ञानवापी परिसर के बाहर पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था

Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे ASI सर्वे का आज तीसरा दिन है। रविवार को सुबह-सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ज्ञानवापी परिसर पहुंच चुकी है। इससे पहले पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। जानकारी के मुताबिक, ASI की टीम सर्वे के तीसरे दिन राडार समेत मशीनों का उपयोग कर सकती है।
उधर, वकीलों का कहना है कि अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण का प्राथमिक चरण पूरा हो चुका है। अब दूसरे चरण का सर्वे किया जाना है, जिसके लिए राडार और मशीनरी का उपयोग किया जाएगा। यह सर्वे सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक किया जाएगा।

हिंदू धर्म के चिह्नों को किया गया इकट्ठा

वकीलों की ओर से दावा किया गया है कि ASI की टीम परिसर में मौजूद हिंदू धर्म के चिह्नों को जुटा रही है। पहले दो दिन इन चिह्नों को इकट्ठा करके एक जगह पर स्टोर किया गया है। टीम ने शनिवार को मस्जिद के केंद्रीय गुंबद हॉल और व्यास परिवार के कब्जे वाले तहखाने का सर्वे का काम पूरा किया। इस दौरान सभी जगहों की फोटोग्राफी और मैपिंग की गई थी।

मिली 4 फीट की मूर्ति

हिंदू पक्ष के वकीलों की ओर से दावा किया गया है कि ज्ञानवापी के दो दिन के सर्वे में ASI की टीम को कई ऐसे चिह्न और मूर्तियां मिली हैं, जो हिंदू धर्म से जुड़ी हैं। दावा किया गया है कि टीम को 4 फीट की मूर्ति मिली है। इसके अलावा टीम को दो फीट का त्रिशूल, पांच कलश भी मिले हैं। दीवारों पर कमल के निशान भी ASI टीम को मिले हैं। इसके अलावा तहखाने में टूटी-फूटी मूर्तियां व खंभे भी दिखाई दिए हैं। बता दें, ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में ASI के 51 सदस्यों की टीम के अलावा 16 लोग शामिल हैं। इसमें मुस्लिम पक्ष के 9 लोग और हिंदू पक्ष के 7 लोग हैं। सर्वे के पहले दिन मुस्लिम पक्ष के लोग इसमें शामिल नहीं हुए थे, जबकि दूसरे दिन पांच लोग शामिल हुए।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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