ज्ञानवापी असल में मस्जिद है या मंदिर? खास लिपि से लेकर गुंबद और टूटे हाथी का धड़...सामने आए ये नए सबूत
Gyanvapi Masjid Case: दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी सर्वे केस में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। कोर्ट तीन अगस्त, 2023 को फैसला सुनाएगा और तब तक एएसआई के सर्वे पर लगी रोक बरकरार रहेगी।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Gyanvapi Masjid Case: उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर असल में मस्जिद है या फिर मंदिर? यह तो फिलहाल यक्ष प्रश्न ही बना हुआ है, मगर वहां की कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जो कि कई किस्म के इशारे करते हैं। मसलन वहां दीवारों पर खास लिपि, सिंह (शेर) और गज (हाथी) की आकृतियां देखने को मिलीं, जबकि गुंबद के ऊपर गुंबद बनाने की आशंका जताई गई।
ये सारी बातें गुरुवार (27 जुलाई, 2023) को आपके प्रिय हिंदी चैनल "टाइम्स नाऊ नवभारत" (टीटीएन) के 'बाबा मिल गए से भी बड़ा सबूत...PART-2' के तहत सामने आईं। टीटीएन ने एक्सक्लूसिव तस्वीरों के हवाले से बताया कि परिसर में दीवारों पर जो लिपी मिली है, वह वैदिक काल की हो सकती है। अंदर इसके अलावा हिंदू प्रतीक चिह्न भी मिले हैं। संस्कृत के श्लोक भी मिले हैं। यह भी बताया गया कि वहां उत्तरी दिशा का खंभा कई बार पेंट किया गया था। यह भी दावा है कि परिसर में बीच का खंभा खोखला है।
चैनल के पास सफेद गुंबद से जुड़ा एक वीडियो और तस्वीर भी है, जिसमें गुंबद के ऊपर गुंबद बनाने की आशंका जताई गई। हिंदू पक्ष की ओर से इस बाबत गुंबद बनाए जाने पर सवाल दागा गया, जबकि जो तस्वीर सामने आई, उसमें सर्वे टीम से जुड़े लोग भी दिखे थे। चैनल पर चर्चा के दौरान महंत नवल किशोर दास ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में दीवारों पर लिखे शब्द निश्चित रूप से मंत्र हो सकते हैं। जहां-जहां ऐसे मंत्र और मूर्तियां हैं, उन्हें मिटाने के प्रयास किए गए हैं।
परिसर में हाथी के शरीर का हिस्सा भी नजर आया। ऐसा कहा गया कि इसमें उसके धड़ और पैर दिखे, जबकि उसकी सूंड़ वाला हिस्सा टूटा हुआ था। वैसे, हाथी को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। साथ ही सनातन संस्कृति में हाथी का बड़ा महत्व है और वह धन की देवी लक्ष्मी की सेवा करते हैं। हिंदू धर्म में हाथी को शुभ माना जाता है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी सर्वे केस में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। कोर्ट तीन अगस्त, 2023 को फैसला सुनाएगा और तब तक एएसआई के सर्वे पर लगी रोक बरकरार रहेगी। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत में दोपहर तीन बजकर 15 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई थी। चूंकि, मुख्य न्यायाधीश की अदालत में नियमित काम पूरा हो गया था, इसलिए न्यायमूर्ति दिवाकर ने दोनों पक्षों के वकीलों को बहस करने के लिए कहा था।
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