ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ करने की मिलेगी इजाजत? आज आएगा अदालत का अहम फैसला

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस को लेकर वाराणसी की जिला अदालत आज अहम फैसला सुनाने वाली है। व्यास परिवार के तहखाने के संबंध में पूजा-पाठ करने की इजाजत देने वाली याचिका पर कोर्ट का फैसला आना है। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने इसे लेकर जानकारी साझा की है।

ज्ञानवापी पर आज आ सकता है बड़ा फैसला।

Tahkhana Of Vyas Family: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का मामले अब तूल पकड़ता जा रहा है। ASI की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद मुस्लिम पक्ष में नाराजगी है। वहीं व्यास परिवार के तहखाने से संबंधित मामले में आज अदालत का अहम फैसला आना है। इस याचिका में हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने में पूजा-पाठ करने की इजाजत मांगी गई है।

क्या तहखाने में पूजा-पाठ करने की मिलेगी इजाजत?

ज्ञानवापी केस को लेकर हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट सुभाष नंदन चतुर्वेदी कहते हैं, 'हमने याचिका दायर की थी कि व्यास परिवार के 'तहखाने' के संबंध में एक जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर बनाया जाए ताकि वहां कोई अतिक्रमण न हो और 'तहखाना' को कोई नुकसान न हो।' साथ ही, 1993 तक यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों को फिर से शुरू किया जाए, जिला न्यायालय ने 17 दिसंबर को आदेश पारित किया था और जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त किया था। कल, मुस्लिम पक्ष ने हमारी मांग पर आपत्ति जताई थी, धार्मिक अनुष्ठानों को फिर से शुरू करने के लिए हमने सभी संबंधित साक्ष्य जमा कर दिए हैं। आज, उस पर एक आदेश आने की उम्मीद है, क्योंकि अदालत ने आज तक के लिए फैसले को सुरक्षित रखा था। एक आदेश पारित किया जाएगा यदि वहां धार्मिक अनुष्ठान फिर से शुरू किए जा सकते हैं, जैसे कि 1993 तक किया जाता था। शायद आज लंच के बाद ऑर्डर आ जायेगा।'

'शिवलिंग' के ASI सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख

हिंदू महिला वादियों ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उस ‘शिवलिंग’ की प्रकृति और उसकी विशेषताओं का पता लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिसके बारे में दावा किया गया है कि वह वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में एक सीलबंद क्षेत्र में पाया गया है। चार हिंदू महिलाओं ने एक अलग याचिका में उच्चतम न्यायालय के 19 मई 2023 के आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया है जिसमें उसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 मई 2023 के निर्देश पर ‘शिवलिंग’ की आयु का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग समेत वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने पर रोक लगा दी थी। ये महिलाए वाराणसी की एक अदालत में लंबित मुकदमे की मूल वादी भी हैं।

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