AIIMS-Delhi का सर्वर छह दिन से डाउनः फिरौती मांग बोले हैकर्स- Crypto में भेजो 200 करोड़ रुपए

दरअसल, सेंधमारी का पता बुधवार सुबह को लगा था। आशंका है कि इस सेंधमारी के चलते लगभग तीन से चार करोड़ मरीजों के डेटा पर असर पड़ सकता है। फिलहाल एम्स के नेटवर्क को वायरस मुक्त करने का काम किया जा रहा है। सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटी-वायरस समाधान का बंदोबस्त किया गया है। यह 5,000 में से लगभग 1,200 कंप्यूटर पर स्थापित किया गया है।

आशंका है कि सेंधमारी के चलते लगभग तीन से चार करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है। (फाइल)

नई दिल्ली में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) अस्पताल का सर्वर सोमवार (28 नवंबर, 2022) को लगातार छठे दिन भी ठप रहा। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों की ओर से समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया गया कि हैकर्स ने फिरौती के रूप में कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में करीब 200 करोड़ रुपए की मांग की है। सर्वर डाउन होने से इमरजेंसी इकाई में मरीज देखभाल सेवाएं, बाह्य रोगी, भर्ती रोगी और प्रयोगशाला अनुभाग को कागजी रूप से प्रबंधित किया गया।

वैसे, दिल्ली पुलिस के बयान में कहा गया, ‘‘एम्स अधिकारी फिरौती की किसी तरह की मांग को संज्ञान में नहीं लाए, जिसकी मीडिया का एक वर्ग बात कर रहा है।’’ इस बीच, भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं। रैंसमवेयर हमले से कंप्यूटर तक पहुंच बाधित हो जाती है और पहुंच देने के लिए हैकर रुपयों की मांग करते हैं।

दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई की तरफ से 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में आगे कहा गया कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डेटा स्टोर है।

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