चुनाव बीतते ही INDI गठबंधन में दरार, बैठक में नहीं बुलाया; तो भड़के इस सहयोगी पार्टी के मुखिया
Opposition Party Clash: चुनावी नतीजों के ठीक बाद ही विपक्षी दलों की एकता में भंग पड़ने लगी है। दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा है, INDI गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने रणनीति पर चर्चा की। हालांकि एक ऐसी भी सहयोगी पार्टी है, जिसे बैठक में नहीं बुलाया गया।
विपक्षी दलों के गठबंधन में शुरू हुई कलह!
INDI Alliance Internal War: चुनावी नतीजे आए हुए जुम्मा जुम्मा 4 दिन भी नहीं हुए कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेलवपमेंट इंक्लूजिव अलायंस 'INDIA' में मनमुटाव की तस्वीरें सामने आने लगी है। बहुमत के नंबर 272 को पार करने से विपक्षी गठबंधन 38 सीट पीछे रह गया, कहां तक INDI गठबंधन को चुनावी नतीजों के बाद एकता दिखाने की कोशिश करनी चाहिए, यहां तो उल्टे दरार बढ़ने लगी।
गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर कौन भड़का?
चुनावी नतीजों के ठीक बाद ही विपक्षी दलों की एकता में भंग पड़ने लगी है। दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा है, INDI गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने रणनीति पर चर्चा की। हालांकि एक ऐसी भी सहयोगी पार्टी है, जिसे बैठक में बुलाने के बारे में विचार भी नहीं हुआ। शायद यही वजह है कि राजस्थान से ताल्लुक रखने वाली पार्टी के मुखिया ने नाराजगी जाहिर की है। ये वो पार्टी है, जिसने इस चुनाव में 1 सीट हासिल की है।
हनुमान बेनीवाल ने विपक्षी गठबंधन को जमकर कोसा
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर आरएलपी प्रमुख और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान आया है। हनुमान बेनीवाल ने गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
कांग्रेस गठबंधन को 11 सीट दिलाने में रहा बड़ा योगदान
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को 11 सीट दिलाने में उनका बड़ा योगदान है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन की दो बैठकों में नजरअंदाज किया गया, जो कांग्रेस नेताओं की मानसिकता को दर्शाता है। अगर कांग्रेस में इतना ही दम होता तो दो लोकसभा चुनाव में एक भी सीट क्यों नहीं मिली थी।
बेनीवाल ने कांग्रेस के लिए कहा, हो गई है गलतफहमी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को गलतफहमी हो गई है कि राजस्थान में कांग्रेस की लहर चल रही है। हकीकत ये है कि राजस्थान की सभी सीटों पर आरएलपी के समर्थकों ने गठबंधन के पक्ष में मतदान किया है। जितना कांग्रेस ने मुझे दिया है, मैंने कहीं ज्यादा सभी सीटों पर लौटाया है। कांग्रेस ने तो मुझे नुकसान पहुंचाया है। एक तरफ मेरे साथ गठबंधन किया, दूसरी तरफ मेरी पार्टी के नेता को तोड़कर बाड़मेर की सीट पर चुनाव लड़वाया।
गहलोत, मुकुल वासनिक और सचिन पायलट पर भड़के
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक शेखावाटी और एक बाड़मेर के नेता मेरे साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे। कांग्रेस में एक या दो नहीं, पांच-पांच खेमे हैं। जीत के बाद मेरे पास केवल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा दिल्ली से मुकुल वासनिक और मोहन प्रकाश का बधाई के लिए फोन आया था। इसके अलावा सचिन पायलट ने आज मुझे बधाई दी है। लेकिन, किसी ने मुझे इंडिया गठबंधन की बैठक में आमंत्रित नहीं किया।
उन्होंने सचिन पायलट पर भी अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने सचिन पायलट को चुनाव प्रचार करने के लिए बुलाया था। लेकिन, पायलट नहीं आए। इससे मेरी जीत पर कोई असर नहीं पड़ा है। वे फिलहाल इंडिया गठबंधन के साथ हैं। लेकिन, भविष्य किसने देखा है, कोई नहीं कह सकता।
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