Happy Independence Day Poem 2023: जोश और जुनून भर देने वाली देशभक्ति कविताएं, कांप उठेंगे दुश्मन

Happy Independence Day Poems in Hindi 2023: आजादी के जश्न में पूरा देश डूबा हुआ है। भारत में जन्म लेने वाले हर देशवासियों के सीने में देशभक्ति का जुनून और देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत होती है। ऐसी कविताएं पढ़िए, जिससे आपके भी सीने में जोश भर जाएगा। इन कविताओं को पढ़कर हिंदुस्तान के दुश्मन कांप उठेंगे।

Independence Day

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पढ़िए खास कविताएं। (तस्वीर- Freepik)

Happy Independence Day Poems in Hindi 2023: 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था। उसके बाद से इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। आजादी का जश्न पूरा देश मनाता है। लोग तिरंगा फहराते हैं और खुशियां मनाते हैं। 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आपको ऐसी कविताएं पढ़नी चाहिए, जो हमारे देश के दुश्मनों के लिए किसी जोरदार तमाचे से कम नहीं है।

जुनून भर देने वाली पंक्तियां

तुम चलवाओ तोप गनें मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे

तुम दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान ये करते हैं

खून से शहीदों की फौज बना देंगे।

दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब

शहीदों का सींचा हुआ ये चमन है,

इसे अपने खून से सजाएंगे हम तुम..

जो दुश्मन आएगा मुकाबिल हमारे,

उसे इस जहां से मिटाएंगे हम तुम..

देशभक्ति में सराबोर कर देने वाली कविता

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

सौ दफा भी मर जाऊं इसपे तो भी सिसकियां नहीं भरूंगा।

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

हर वक्त सताती है उनकी याद,

वक़्त बेवक्तत रूलाती है सारी रात,

वो सारी बातें जो उन्होंने अपनों के संग की होगी।

वो सारी यादें जो अपने सपनों के लिए सजोई होगी।

हर मोड़ पर तड़पाती है उनकी ये सौगात।

आखिर रोकूं भी तो भला कैसे रोकूं, अपने सारे जज़्बात।

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

सौ दफा भी मर जाऊं इसपे तो भी सिसकियां नहीं भरूंगा।

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

तिरंगे में लिपटकर जब वो अपने गांव आते हैं,

उनकी शहादत पर हम हर बार बस थोड़े आंसू बहाते हैं।

चमन की गोद में बैठे उन काफिरों को बता दूं,

जो देश के वीर जवानों को बलात्कारी बताते हैं।

सुन ले ऐ काफिर...

मैं राज़ हूं और नाज़ है मुझे, उन सपूतों पर...

जो हमारे खातिर, मुल्क की खातिर... सरहदों पर कुर्बान हो जाते हैं।

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

सौ दफा भी मर जाऊं इसपे तो भी सिसकियां नहीं भरूंगा...

वतन से मोहब्बत है कितनी, ये बयां नहीं करूंगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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