चुनावी बॉन्ड पर SBI को 'सुप्रीम झटका', 12 तक EC को पूरा ब्योरा देने,15 मार्च तक वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश
Electoral Bonds case: वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की दलील पर शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने बैंक को मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है। उसने एक सीधा-सपाट खुलासा करने का निर्देश दिया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
Electoral Bonds case: इलेक्टोरल बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि बैंक को कल तक यानी 12 मार्च तक चुनावी बॉन्ड का पूरा ब्योरा चुनाव आयोग को देना होगा। यही नहीं, ईसीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड की सारी जानकारी 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इससे पहले इलेक्टोरल बॉन्ड केस में सोमवार को वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।
...तो अवमानना का नोटिस जारी करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने SBI से कहा है कि वह उसके आदेश को पूरा करने को लेकर जानकारी हलफनामा के जरिए उसके पास दाखिल करे। कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल अवमानना का नोटिस जारी नहीं कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चेतावनी दी कि अगर ये आदेश लागू नहीं किया तो अवमानना का नोटिस जारी करेंगे।
एसबीआई ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा
एसबीआई का पक्ष रखते हुए साल्वे ने कोर्ट से कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपने के लिए बैंक अतिरिक्त समय चाहता है। अतिरिक्त समय के लिए साल्वे ने दलील दी की SBI को केवल एक समस्या है, वह यह कि वह पूरी प्रक्रिया को दोबारा करने की कोशिश कर रहा है। साल्वे की दलील पर शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने बैंक को मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है। उसने एक सीधा-सपाट खुलासा करने का निर्देश दिया है। ऐसे में यह कहते हुए अतिरिक्त समय की मांग करना कि मिलान प्रक्रिया की जानी है, अवांछित है। हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉण्ड के विवरण की जानकारी देने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने संबंधी एसबीआई की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
'कोर्ट के निर्देश की ‘जानबूझकर’ अवज्ञा हुई'
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई कर रही है, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसबीआई ने चुनावी बॉण्ड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण निर्वाचन आयोग को छह मार्च तक सौंपे जाने संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देश की ‘जानबूझकर’ अवज्ञा की।
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