एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर खुलवाए हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट ने किसान आंदोलन पर दिया बड़ा आदेश

हरियाणा के शंभू बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर से बैरिकेड हटाने के आदेश दिए हैं।

Shambhu Border
मुख्य बातें
  • पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को 1 सप्ताह के भीतर शंभू सीमा खोलने का निर्देश दिया।
  • पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाली सीमा को प्रदर्शनकारी किसानों ने अवरुद्ध कर दिया था और हरियाणा सरकार ने इसे बंद कर दिया था।
  • उच्च न्यायालय ने किसान यूनियनों से कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने को भी कहा है।
Shambhu Border: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को सड़क खोलने के लिए 1 सप्ताह की समयसीमा दी है। कोर्ट ने शंभू बॉर्डर से एनएच खोलने के निर्देश भी दिए है। हाईकोर्ट ने किसान यूनियनों से कानून व्यवस्था बनाए रखने को भी कहा है। बता दें, शंभू बॉर्डर पिछले 5 महीनों से बंद था। जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा को कानून व्यवस्था बनाने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर मरने वाले किसान शुभकरण की जांच के लिए हाईकोर्ट ने एसआईटी (SIT) बनाने का भी आदेश दिया है। शंभू बॉर्डर पर पंजाब के किसान संगठन 13 फरवरी से धरना लगाकर बैठे थे।

शंभू बॉर्ड बंद होने से लोगों को हो रही थी परेशानी

बता दें, 6 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें शंभू सीमा से सार्वजनिक परिवहन और वाहनों को गुजरने की अनुमति देने के निर्देश देने की मांग की गई है। सीमा बंद होने से आम लोगों को काफी कठिनाई हो रही है, क्योंकि एनएच 44 को इस क्षेत्र की जीवन रेखा माना जाता है। एनएच 44 राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से जोड़ता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 3 जुलाई को हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने का आग्रह किया था। किसानों ने 13 फरवरी को हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू में अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसके बाद से सीमा बंद है। असीम गोयल ने कहा था कि किसानों ने करीब साढ़े पांच महीने पहले अंबाला जिले की सीमा पर स्थित शंभू गांव के पास अपना आंदोलन शुरू करने के बाद (एनएच-44 पर) यातायात रोक दिया था। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से ही सीमा बंद है, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है और खासकर अंबाला के व्यापारियों को अपना कारोबार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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