क्या सचमुच खतरे में है हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार? जानें JJP का प्लान; समझें सारा गुणा-गणित
Haryana Politics: क्या हरियाणा की सियासत में कुछ बड़ा उलटफेर होने वाला है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। अब सभी की निगाहें जजपा के दुष्यंत चौटाला पर टिकी हुई हैं, नंबर गेम ने फिलहाल भाजपा की चिंता बढ़ा रखी है। आपको हालिया समीकरण समझाते हैं।
भूपेंद्र हुड्डा, दुष्यंत चौटाला और नायब सैनी।
Political News: हरियाणा में भाजपा की सरकार खतरे में है! ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि विधानसभा का नंबर गेम इस बात की गवाही दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस ने मोर्चा खोल लिया है और इसके लिए कोशिशें भी शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में इस वक्त सभी की निगाहें राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर टिकी हुई हैं। ऐसे सियासी हालात में उनका रुख सबसे ज्यादा मायने रखता है। हरियाणा सरकार का समीकरण ऐसे हैं कि एक-एक विधायक की भूमिका अहम हो चुकी है। क्या अब दुष्यंत चौटाला 'तुरुप का इक्का' साबित होने वाले हैं, आपको समझाते हैं।
सैनी सरकार को गिराएंगे दुष्यंत चौटाला?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भले ही ये दावे कर रहे हैं कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन आंकड़ों से ये समझना आसान हो जाता है कि भाजपा की टेंशन इन दिनों सातवें आसमान पर होगी। वजह सबके सामने आ चुकी है, और सबसे बड़ी टेंशन तो इस बात की है कि भाजपा के साथ कल तक जो दुष्यंत चौटाला सरकार में शामिल थे, वो अब कांग्रेस से साथ जाने पर भी विचार करने लगे हैं। मतलब साफ है, हरियाणा के हालात ऐसे हो चुके हैं कि यहां एक विधायक सरकार गिरा सरकार है और एक विधायक सरकार बचा भी सकता है। आपको पहले ये बताते हैं कि आखिर जजपा का क्या प्लान है।
हरियाणा के लिए क्या है जजपा का प्लान?
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी अपना विचार बना लिया है कि यदि भाजपा की सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस के साथ जाना पड़ता है तो वो गुरेज नहीं करेंगे। तभी तो दुष्यंत ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य की नायब सैनी सरकार को गिराने का प्रयास करते हैं तो उनकी पार्टी इस कदम का समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेगी। पूर्व उप मुख्यमंत्री चौटाला का यह बयान तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद आया।
जानें दुष्यंत चौटाला ने क्या कुछ कहा
दुष्यंत चौटाला ने हिसार में मीडिया से बातचीत के दौरान ये कहा कि 'मैं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या को देखते हुए अगर इस सरकार को लोकसभा चुनाव के दौरान गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो हम इसमें उनका समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेंगे। अब कांग्रेस को सोचना है कि वह भाजपा सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है या नहीं।' जब चौटाला से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन करेगी तो उन्होंने कहा, 'हमारा रुख स्पष्ट है कि सरकार गिराने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए।'
हरियाणा विधानसभा का नंबर गेम समझिए
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने मंगलवार को भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। जजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीती थीं, वहीं भाजपा ने 40 सीटों पर जीत प्राप्त की थी। दोनों दलों ने मिलकर हरियाणा में गठबंधन सरकार बनाई थी। हालांकि, भाजपा ने दो महीने पहले जजपा से संबंध तोड़ लिए थे। हरियाणा की विधानसभा 90 सदस्यों वाली है। दो पद रिक्त होने से अभी यहां विधायकों की संख्या 88 है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को 45 विधायक चाहिए। अभी फिलहाल भाजपा के पास उसके 40 विधायक हैं। उसे दो निर्दलीय और हलोपा के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे
संख्या | पार्टी | विधानसभा सीट |
1 | भारतीय जनता पार्टी | 40 |
2 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 31 |
3 | जननायक जनता पार्टी | 10 |
4 | इंडियन नेशनल लोकदल | 1 |
5 | हरियाणा लोकहित पार्टी | 1 |
6 | निर्दलीय | 7 |
भाजपा सरकार के खिलाफ बीते 22 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जो गिर गया था। संख्या बल के लिहाज से हरियाणा सैनी सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। इसके बावजूद सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है, इसकी वजब ये है कि किसी भी सरकार के खिलाफ छह महीने के बाद ही दोबारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, जो अगस्त में पूरा हो रहा है। हालांकि नंबर गेम में भाजपा पीछे है, जिसके चलते सीएम सैनी पर दबाव बढ़ गया है। भाजपा बहुमत के आंकड़े से दो अंक पीछे है। सदन की मौजूदा संख्या इस समय 88 है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने किया ये बड़ा दावा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तीन निर्दलीय विधायकों के राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि उनकी सरकार संकट में नहीं है और मजबूती से काम कर रही है। सैनी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बारे में पूछे जाने पर सिरसा में पत्रकारों से कहा, 'सरकार किसी संकट में नहीं है, वह मजबूती से काम कर रही है।' सैनी सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर के लिए प्रचार कर रहे थे।
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