अगस्त तक सुरक्षित है हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार! जानिए क्या कहता है विधानसभा का गणित
Haryana Political Crisis : हरियाणा की विधानसभा 90 सदस्यों वाली है। दो पद रिक्त होने से अभी यहां विधायकों की संख्या 88 है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को 45 विधायक चाहिए। अभी फिलहाल भाजपा के पास उसके 40 विधायक हैं। उसे दो निर्दलीय और हलोपा के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है।
हरियाणा के सीएम हैं नायब सिंह सैनी।
Haryana Political Crisis : हरियाणा में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा की नायब सिंह सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। समर्थन वापस लेने की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों के नाम रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मपाल गोंदर हैं। गोंदर नीलोखेड़ी से, सांगवान चरखी दादरी और गोलन पूंडरी से निर्दलीय विधायक हैं। सैनी सरकार अल्पमत में है लेकिन विपक्ष अभी उसके खिलाफअविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।
विधानसभा स्पीकर को नहीं सौंपा समर्थन वापसी का पत्र
मंगलवार सुबह भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा करने वाले चार विधायक थे लेकिन शाम तक इनकी संख्या तीन रह गई। तीन विधायक मंगलवार शाम रोहतक पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन दिया। हालांकि, विधायकों की तरफ से आधिकारिक रूप से विधानसभा स्पीकर को समर्थन वापस लेने के बारे में कोई पत्र नहीं दिया गया है।
सैनी सरकार को फिलहाल खतरा नहीं
हरियाणा की विधानसभा 90 सदस्यों वाली है। दो पद रिक्त होने से अभी यहां विधायकों की संख्या 88 है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को 45 विधायक चाहिए। अभी फिलहाल भाजपा के पास उसके 40 विधायक हैं। उसे दो निर्दलीय और हलोपा के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। बीते 22 फरवरी को भाजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। ऐसे में सैनी सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। क्योंकि किसी सरकार के खिलाफ दोबारा अविश्वास प्रस्ताव छह महीने के बाद ही लाया जा सकता है। ऐसे में सैनी सरकार अगस्त मध्य तक सुरक्षित मानी जा सकती है। हालांकि, संख्या बल के लिहाज से सैनी सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। इसलिए उन पर दबाव बढ़ गया है। विधानसभा में कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं।
राजनीतिक लड़ाई लंबी चलेगी-खट्टर
मौजूदा राजनीतिक संकट के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई लंबी चलेगी। पूर्व सीएम ने दावा किया कि जेजेपी, कांग्रेस के कई लोग हमारे संपर्क में हैं। इन दोनों पार्टियों को पहले अपना घर देखना चाहिए। खट्टर ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में हम सुनिश्चित करेंगे कि हमें पूर्ण बहुमत मिले ताकि इस तरह की परिस्थिति पैदा न हो।' हरियाणा में चूंकि सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार अगस्त में भी विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री ने अगर सरकार भंग करने की सिफारिश नहीं की तो विपक्ष एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकेगा।
हुड्डा ने सैनी सरकार से इस्तीफा मांगा
कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सैनी सरकार से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए। यह जनविरोधी सरकार है।’जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा को ‘जनता का विश्वास खो चुकी सरकार को गिराने’ की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा को तुरंत राज्यपाल से मिलना चाहिए और उन्हें स्थिति से अवगत कराना चाहिए।
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