Hathras Stampede: हाथरस कांड के 10 बड़े अपडेट..., 'भोले बाबा' की चरण रज बनी 121 लोगों की मौत का कारण? या कोई और वजह

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश में हाथरस में बोले बाबा एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में अबतक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों के बाद सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि उनकी मौत सीने में चोट के कारण खून जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट के कारण हुई है।

Hathras Stampede

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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 'भोले बाबा' के प्रवचन के दौरान मची भगदड़ और इसमें 121 लोगों की मौत को तीन दिन बीत चुके हैं। आरोपी बाबा अबतक फरार है। पुलिस सूजरपाल उर्फ 'भोले बाबा' की तलाश के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इस बीच प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि बाबा के अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। उन्होंने सत्संग के दौरान भगदड़ और 121 लोगों के मारे जाने के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जताया है।
प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा कि मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए भी वे तैयार हैं। दरअसल, सामने आई प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भगदड़ तब मची जब बड़ी संख्या में अनुयायी प्रवचनकर्ता भोले बाबा को करीब से देखने और उनके चरण रज इकट्ठा करने के लिए उनके पास पहुंचे जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं। आइए जानते हैं हाथरस भगदड़ कांड से जुड़े 10 बड़े अपडेट...
1. भोले बाबा के वकील ने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रची। जब नारायण साकार हरि कार्यक्रम स्थल से चले गए, उनके वाहन चले गए, तो हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी साजिश के कारण यह समझने में विफल रहे कि क्या हो रहा है। यह एक योजना के तहत किया गया था और इसकी जांच होनी चाहिए।
2. प्राथमिकी में किए गए दावों और स्थानीय उप जिलाधिकारी द्वारा तैयार प्रारंभिक रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उच्चतम न्यायालय के वकील सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, नारायण साकार हरि के पैर उनके अनुयायी कभी नहीं छूते। चरण रज का उल्लेख भी झूठा है। इस तरह के कृत्य का कभी कोई वीडियो या तस्वीर नहीं है।
3. वकील एपी सिंह ने कहा कि वह बाबा भोले और सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के पुलराई गांव में आयोजित सत्संग के मुख्य आयोजक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भगदड़ के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में प्रवचनकर्ता का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है।
4. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी पटेल के निर्देश पर राज्य सरकार ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित की। तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। अन्य दो अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं।
5. आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्यपाल की सहमति से न्यायिक आयोग का गठन करते हुए पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। इनमें कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा दी गयी अनुमति और उसकी शर्तों के अनुपालन की जांच करना शामिल है। आयोग यह भी जांच करेगा कि यह कोई दुर्घटना है, अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना।
6. उत्तर प्रदेश में हाथरस में एक सत्संग के बाद मची भगदड़ के पीड़ितों के शवों के पोस्टमार्टम से पता चला है कि उनकी मौत सीने में चोट के कारण खून जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट के कारण हुई है।
7. हाथरस में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद आगरा में साकार विश्व हरि भोले बाबा के दो सत्संग रद्द कर दिए गए हैं। इनमें से एक सत्संग चार से 11 जुलाई तक सैयां में तथा दूसरा 13 से 23 जुलाई तक शास्त्रीपुरम में आयोजित होना था।
8. हाथरस में भगदड़ में 121 लोगों की मौत के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी सभाओं की अनुमति देने के लिए एसओपी पर काम करना शुरू कर दिया है।
9. उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दायर की गई।
10. हाथरस पुलिस भोले बाबा की तलाश कर रही है। बुधवार को एक टीम भोले बाबा के ग्‍वालियर स्थित आश्रम पहुंची है। एक दिन पहले पुलिस मैनपुरी आश्रम में पहुंची थी पर भोले बाबा वहां नहीं मिले थे।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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