Hathras Stampede: 'हाथरस भगदड़ दुर्घटना नहीं बल्कि साजिश थी', भोले बाबा के वकील एपी सिंह का दावा
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत मामले में नए अपडेट आ रहे हैं अब भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह का दावा है कि ये एक सोची समझी साजिश थी।
भोले बाबा के वकील एपी सिंह का दावा है कि ये एक सोची समझी साजिश थी
मुख्य बातें
- हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत
- इस मामले में भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया है
- कहा कि 'यह कोई दुर्घटना नहीं है यह साजिश है
Hathras Stampede Update: नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि 2 जुलाई को सत्संग के दौरान कम से कम 15-16 लोग अपने चेहरे ढके हुए थे, जहां भगदड़ मची थी, जिसके परिणामस्वरूप 121 लोगों की मौत हो गई। स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ नारायण साकर हरि के सत्संग में भगदड़ की घटना दुर्घटना नहीं बल्कि साजिश थी, यह दावा बाबा के वकील एपी सिंह ने किया।
रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए एपी सिंह ने दावा किया कि 2 जुलाई को सत्संग के दौरान कम से कम 15-16 लोग अपने चेहरे ढके हुए थे, इन लोगों ने भीड़ में जहरीली गैस का छिड़काव किया और फिर एक कार में भाग गए।
'भोले बाबा (नारायण साकार हरि का दूसरा नाम) को फंसाने की साजिश थी'
एपी सिंह ने पुलिस, अग्निशमन और यातायात विभाग से ली गई मंजूरी की रसीदें दिखाते हुए कहा, 'भोले बाबा (नारायण साकार हरि का दूसरा नाम) को फंसाने की साजिश थी' एपी सिंह ने पुलिस से घटना के सीसीटीवी फुटेज जब्त करने का आग्रह किया, जो अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण होगा।
'यह कोई दुर्घटना नहीं है। यह एक हत्या है'
एपी सिंह ने दावा किया, 'यह कोई दुर्घटना नहीं है। यह एक हत्या है' अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो महिलाओं और तीन वरिष्ठ नागरिकों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सत्संग के कई सेवादार (स्वयंसेवक) आरोपी बताए गए हैं, जिनमें हाथरस सत्संग के मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर भी शामिल हैं।
मधुकर नारायण साकार हरि के आयोजनों के लिए धन जुटाने का काम करता था
पुलिस के अनुसार, मधुकर नारायण साकार हरि के आयोजनों के लिए धन जुटाने का काम करता था और दान एकत्र करता था। हालांकि, मधुकर का प्रतिनिधित्व करने वाले एपी सिंह ने दावा किया कि उसने खुद दिल्ली में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जहां वह इलाज के लिए आया था। सूरज पाल जिसका नाम एफआईआर में आरोपी के रूप में नहीं है 2 जुलाई की घटना के बाद से लापता है।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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