हाथरस भगदड़: SIT ने 300 पन्नों की रिपोर्ट शासन को सौंपीं, सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का कहीं जिक्र नहीं

एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं।

Hathras stampede

SIT ने सौंपी रिपोर्ट

Hathras Stampede: हाथरस में बीती 2 जुलाई को साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ की जांच करने वाली एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी पर सवाल उठाए गए हैं। साथ ही हाथरस जिले के अफसरों पर भी सवाल उठे हैं। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का कहीं जिक्र नहीं है। एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल हैं।

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मृतकों के परिजनों और घायलों के भी बयान दर्ज

इसके अलावा सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी के द्वारा अनुमति से अधिक लोगों को बुलाने और नाकाफी इंतजाम के अलावा मौके का अफसरों द्वारा मुआयना नहीं करने को भी घटना का जिम्मेदार बताया गया है। एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं।

जांच समिति की आख्या के प्रमुख बिंदु:-● एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।

● जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।

● जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।

● उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।

● उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।

● आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।

● आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।

● आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।

● सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

देवप्रकाश मधुकर था मुख्य आयोजक

देवप्रकाश मधुकर ही हाथरस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था। इसके साथ ही वह बाबा का खास आदमी भी है। हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बात की थी। भगदड़ की घटना के बाद से देवप्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था। उसके परिवार के सदस्य भी लापता थे। मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वह कभी जूनियर इंजीनियर था लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का बड़ा भक्त बन गया। देवप्रकाश मधुकर का घर सिकंदराराऊ इलाके के दामादपुरा की नई कॉलोनी में है।

आयोजकों को दोषी ठहराया गया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईपीएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है। भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि मामले में साजिश समेत हर पहलू की जांच की जाएगी। एडीजी कुलश्रेष्ठ ने पांच जुलाई को बताया था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू से इनकार नहीं किया है और कहा था कि घटना के लिए आयोजकों को दोषी ठहराया गया है।

पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने दो जुलाई के कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए अभी तक आयोजकों को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम में भीड़ अनुमानित संख्या 80,000 से बढ़कर 2.50 लाख से अधिक हो गई। हालांकि, छह जुलाई को स्वयंभू बाबा के वकील ने दावा किया था कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा छिड़के गए किसी जहरीले पदार्थ के कारण भगदड़ मची।

भगदड़ में 121 लोगों की हुई मौत

भगदड़ के सिलसिले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मधुकर हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को स्वयंभू संत सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के ‘सत्संग’ का मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाला था। दो जुलाई को स्थानीय सिकंदराराऊ थाने में दर्ज प्राथमिकी में भोले बाबा का नाम आरोपी के तौर पर नहीं दर्ज है। हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में गत दो जुलाई को प्रवचन कर्ता हरि नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। (मनीष यादव इनपुट)

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अमित कुमार मंडल author

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