वह मर गया ताकि मैं जिंदा रह सकूं, उसकी बहुत याद आती है...इजराइली जोड़े की दर्दनाक कहानी

शैविट 22 साल के अपने मंगेतर एपस्टीन के साथ पुराने दिनों को याद कर रो रही है। लेकिन जिंदगी को दोबारा शुरू करना उसके लिए एक भयावह दुविधा बन गया है।

Hamas attack

इजराइल पर हमास का हमला

Hamas Attack: इजराइल पर हमास के हमले की नई-नई कहानियां सामने आ रही है। ऐसी ही कहानी है एक युवा इजराइली जोड़े की है जिनका साथ हमास के वीभत्स हमले के दौरान छूट गया। 22 साल की इरीन शैविट (Irene Shavit) ने सोचा था कई लोगों की तरह उनके रोमांस का अंत भी दिल टूटने के साथ हो सकता है। लेकिन इसका अंत 7 अक्टूबर को बेहद दर्दनाक तरीके से हुआ, जब उसके प्रेमी एपस्टीन (Netta Epstein) ने शैविट की जान बचाने के लिए हमास के ग्रेनेड पर कूद लगा दी।

वह मर गया ताकि मैं जिंदा रह सकूं...

इजराइली अधिकारियों के अनुसार, एपस्टीन हमास के हमले और उसके बाद सदमे में मारे गए 1,400 लोगों में से एक थे। वह उन लोगों में शामिल थे जो हमले के पहले दिन ही मारे गए थे। शैविट ने कहा, वह मर गया ताकि मैं जिंदा रह सकूं, इसलिए मुझे जिंदा रहना चाहिए। शैविट ने 22 साल के अपने मंगेतर एपस्टीन के साथ पुराने दिनों को याद किया। लेकिन जिंदगी को दोबारा शुरू करना उसके लिए एक भयावह दुविधा बन गया है।

उसके प्यार की याद आती है...

उसने रोते हुए कहा, अगर मैं ऐसा नहीं करती हूं, तो यह विश्वासघात होगा। लेकिन अगर मैं ऐसा करती हूं, तो मुझे भी ऐसा लगता है कि मैं उसे धोखा दे रही हूं। मुझे उसके चुंबन, उसके आलिंगन, उसके प्यार की याद आती है। इस जोड़े की शादी अप्रैल में होने वाली थी और शैविट ने पहले ही शादी की ड्रेस खरीद ली थी। शैविट और एप्सटीन अप्रैल 2022 में पहली बार मिले थे और तभी एक दूसरे के आकर्षण में बंध गए। उन्होंने केफर अजा किबुत्ज में एक साथ रहने से पहले अपनी अनिवार्य सेना सेवा पूरी कर ली थी, वह सैन्य खुफिया विभाग में थी और एक पैराशूट रेजिमेंट अधिकारी के रूप में काम कर रही थी। हमले से पहले लोग किबुत्ज में जश्न की तैयारी कर रहे थे।

रेड अलर्ट बजने से नींद खुली

शैविट ने कहा, सुबह 6:30 बजे किबुत्ज लाउडस्पीकर पर रेड अलर्ट के बजने से उनकी नींद खुल गई। सीमावर्ती शहर में अलार्म अक्सर बजता था, जिसे फिलिस्तीनी क्षेत्र से रॉकेट हमले के बाद बजाया जाता था। इस जोड़े ने एक सेल्फी ली और इसे अपने परिवार को भेजा कि वे सुरक्षित हैं। फिर वे एक-दूसरे की बाहों में सो गए। उन्होंने सोचा कि वे मिसाइल-प्रूफ कोकून में बने बेडरूम में सुरक्षित हैं। लेकिन सुबह 8:00 बजे उन्हें एक टेक्स्ट संदेश मिला: "लॉकडाउन में प्रवेश करें, घुसपैठ का संदेह है, छिप जाएं।" इस संदेश ने किबुत्ज में डर की लहर दौड़ा दी, जहां हर कोई अपने दरवाजे खुले छोड़ने का आदी था।

हमलावर ने ग्रेनेड फेंका, गोलियों की बौछार की

उन्होंने कमरे की लाइट बंद कर दी और चुपचाप बैठ गए। सुबह 11:30 बजे उन्होंने लिविंग रूम में शीशा टूटने की आवाज सुनी। इस जोड़े ने अपनी पीठ कमरे की दीवार से सटा ली, इस उम्मीद में कि वे दिखाई न दें। फिर उनके बेडरूम का दरवाजा खुला और जैसे ही शैविट पीछे हटे, एप्सटीन आगे बढ़े। दो हथगोले फेंके गए और हमास का एक आतंकवादी हिब्रू में चिल्लाया भागो! तुम कहां हो? जैसे ही कमरे में तीसरा ग्रेनेड फेंका गया, शैविट ने देखा कि उसे बचाने के लिए एपस्टीन खुद उस ग्रेनेड पर कूद पड़ा। शैविट ने कहा, यही उसने सेना में सीखा था। अगर किसी बंद जगह पर ग्रेनेड है तो आप दूसरों की सुरक्षा के लिए उस पर कूद पड़ते हैं। धमाके के बाद कमरे में आग लगाने और चले जाने से पहले हमलावर ने एपस्टीन को खत्म करने के लिए उस पर गोलियों की बौछार कर दी।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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