उन्हें पता होना चाहिए अध्यादेश पर चर्चा सदन के अंदर होती है,केजरीवाल के अल्टीमेटम पर कांग्रेस
Mallikarjun Kharge on Arvind Kejriwal Ultimatum:पटना में विपक्षी दलों की बैठक से ठीक पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश पर कांग्रेस के रुख की बात की थी। अब उस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाब दिया है।
Mallikarjun Kharge on Arvind Kejriwal Ultimatum: पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है और एक एक कर नेता बिहार की राजधानी के लिए रवाना हो रहे हैं। गुरुवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस कोई फैसला नहीं करती है तो वो बैठक का बहिष्कार करेंगे। उनके इस बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहली बात तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। दूसरी बात यह है कि अध्यादेश सदन के बाहर नहीं लाया जाता है। सदन के अंदर इस विषय पर चर्चा होती है। संसद का मानसून सत्र जब चलेगा तो पार्टी विचार करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सब चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ सभी दल एक साथ आएं। हमार एजेंडा बीजेपी को सरकार से हटाने का है।
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पटना में जमावड़ा
विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर शुक्रवार को यहां मंथन करेंगे।बैठक से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ विपक्षी नेता एक परिवार की तरह एकजुट होकर लड़ेंगे।विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि विपक्षी नेताओं की मंत्रणा के दौरान नेतृत्व संबंधी सवालों को दरकिनार कर मिलकर मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।उधर, आम आदमी पार्टी (AAP) के इस इस रुख से विपक्षी एकजुटता की कवायद पर मतभेदों का साया पड़ गया कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया तो ‘आप’ शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग लेने वाले हैं।राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से सपा इस बैठक में शामिल हो रही है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी पारिवारिक कार्यक्रम के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे।
नीतीश कुमार कर रहे हैं मेजबानी
इस बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कर रहे हैं। बैठक मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्गे पर हो रही है।
विपक्ष से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बैठक को प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है और बैठक के दौरान इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक बुनियादी रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि हालांकि इस दौरान फिलहाल के लिए सीट के बंटवारे और नेतृत्व संबंधी सवालों को नजरअंदाज किया जाएगा।विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, यह तो बस शुरुआत है। विचारों का मिलना महत्वपूर्ण है। इस वक्त चुनावी रणनीति, नेतृत्व संबंधी सवाल और सीट के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना नहीं है।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
उन्होंने कहा कि भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी दल जिन मुद्दों को उठाएंगे, वे इस बैठक का शीर्ष एजेंडा होंगे और इस संदर्भ में मणिपुर हिंसा तथा इसमें केंद्र की कथित नाकामी पर चर्चा किए जाने की संभावना है।इस बैठक में केजरीवाल के राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा के लिए जोर देने पर निगाहें टिकी होंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह केंद्र सरकार द्वारा इस अध्यादेश को संसद में पेश किए जाने पर ‘आप’ का समर्थन करेगी या नहीं।विपक्षी दलों की यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब उनके आपसी मनमुटाव की खबरें भी सामने आई हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला करने वाले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुर्शिदाबाद जिले में ब्लॉक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।जनता दल (यूनाइटेड) के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेताओं के पहुंचने की संभावना है।
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