अस्पताल में डाक्टरों पर हमला करना पड़ेगा भारी, संस्थान के हेड को अब 6 घंटे में दर्ज कराना होगा केस: स्वास्थ्य मंत्रालय
Union Health Ministry: अब डाक्टरों के साथ मनमर्जी नही कर सकेंगे मरीजों के परिजन। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मचारी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, संस्थान के प्रमुख को घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज कराने की जिम्मेदारी होगी।
अस्पताल में डाक्टरों से हिंसा करना अब पड़ेगा भारी
मुख्य बातें
- अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात अगर किसी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला होता है तो एफआईआर दर्ज होगी
- मेडिकल संस्थान के प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि वह घटना के छह घंटे के भीतर FIR दर्ज कराएं
- कोलकाता रेप-मर्डर घटना के बाद डॉक्टर सरकार से एक कड़े कानून की मांग कर रहे थे
Union Health Ministry: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि यह देखा गया है कि सरकारी अस्प तालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा आम हो गई है। कई स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान शारीरिक हिंसा का शिकार होते हैं। कई लोगों को धमकाया जाता है या उन पर मौखिक हमला किया जाता है। इस हिंसा का अधिकांश हिस्सा मरीज या मरीज के परिजनों द्वारा किया जाता है। उपर्युक्त के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, संस्थान के प्रमुख को घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर संस्थागत एफआईआर दर्ज करने की जिम्मेदारी होगी।
मेडिकल कॉलेज के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई होगी
आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर घटना की 6 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करवाई जाए। ऐसा न होने पर मेडिकल कॉलेज के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। हड़ताली डॉक्टरों की यह सबसे प्रमुख मांग थी कि केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून पास करे।
पुलिस भी नहीं रोक पाई
स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर बुधवार को बड़ी संख्या में आम लोग और डॉक्टर यहां महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।उसी समय 40 से ज्यादा लोगों का एक हिंसक ग्रुप अस्पताल में घुस गया। उन्होंने खुद को प्रदर्शनकारियों के तौर पर दिखाया, लेकिन कुछ ही देर में उनका असली चेहरा सामने आ गया। इन उपद्रवियों ने अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े लेकिन प्रदर्शनकारी काबू में नहीं आए। वे अस्पताल के अंदर दाखिल हो गए और क्राइम सीन को नष्ट करने की कोशिश की।
यह भी पढ़ें- कोलकाता रेप कांड: वे सवाल जिनके नहीं मिल रहे जवाब, ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई निर्भया जैसी दरिंदगी
दवाइयां लूट लीं
प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने और कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा हुई तो पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार शाम को कहा था कि अस्पताल के आपातकालीन वार्ड की दो मंजिलों में तोड़फोड़ की गई, दवाइयां लूट ली गई हैं और बुनियादी ढांचे तथा उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
Shashank Shekhar Mishra author
शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
कोलकाता रेप केस: जूनियर डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल, 41 दिन बाद काम पर लौटने का ऐलान
केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह के बाद क्या अब सत्येंद्र जैन को मिलेगी जमानत? अदालत में इस दिन होगी सुनवाई
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आतिशी के पास क्या है सबसे बड़ी चुनौती? समझिए सारा गुणा-गणित
तिरुपति मंदिर के लड्डू में बीफ फैट और फिश ऑयल का इस्तेमाल, प्रसाद के सैंपल में हुई पुष्टि
पंजाब पुलिस के डीएसपी वविंदर महाजन गिरफ्तार, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का बड़ा एक्शन
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited