Weather Update: दिल्ली-एनसीआर में बारिश से मौसम हुआ सुहाना, अगले 5 दिनों में इन राज्यों बरसेंगे बादल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वी मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
Weateher Update: दिल्ली में कल रात से ही झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद और एनसीआर के कई इलाकों में बारिश हुई है। रविवार का दिन गर्मी से राहत लेकर आया है। शनिवार को दिन भर बादल आंखमिचौली खेलते रहे और शाम आते-आते बादल अच्छी तरह से घिर आए। रात 12 बजे बाद जमकर बारिश हुई। सुबह दिल्लीवासियों की नींद सुहावने मौसम के साथ खुली। शनिवार देर रात को राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हुई। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वी मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
राजधानी दिल्ली में कल रात से लगातार बारिश हो रही है। इसने गर्मी और उमस से लोगों को राहत दी है, लेकिन जलजमाव ने लोगों के सामने परेशानी भी खड़ी कर दी है। आसमान में काले बादल अभी भी नजर आ रहे हैं और दोबारा बारिश होने की संभावना है।
इन इलाकों में बारिश की संभावना
आईएमडी ने कहा, 24-28 जून के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में और 25-28 जून के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों (पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर) में अलग-अलग गरज और बिजली के साथ हल्की/मध्यम से व्यापक बारिश होने की संभावना है। अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। 25 जून को उत्तराखंड में भारी बारिश होने की संभावना है। 24-28 जून के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग भारी/बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 24-26 जून के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 24-28 जून के दौरान भारी बारिश की संभावना है। 25 और 26 जून को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में और 25-28 जून के दौरान पूर्वी राजस्थान में बारिश हो सकती है।
दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ा
आईएमडी ने यह भी कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है। यह महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के शेष हिस्सों, तेलंगाना और छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, हरियाणा और जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों तक आगे बढ़ चुका है।
मॉनसून के दिल्ली-मुंबई में लगभग एक ही समय पहुंचने का अनुमान: आईएमडी
आईएमडी ने शनिवार को कहा कि अगले दो दिन के भीतर मॉनसून के दिल्ली और मुंबई दोनों में एक ही समय पर पहुंचने का अनुमान है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि धीमी शुरुआत के बाद मॉनसून तेजी से आगे बढ़ा है और महाराष्ट्र, पूरे कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे चुका है। आमतौर पर मॉनसून एक जून तक केरल, 11 जून तक मुंबई और 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच जाता है।
हालांकि मॉनसून ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के एक बड़े हिस्से सहित उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में तय समय पर दस्तक दे दी है, लेकिन यह वर्तमान में मध्य भारत के एक बड़े हिस्से में अपने निर्धारित समय से 10-12 दिन पीछे है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी. एस. पई ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय ने दक्षिण भारत और देश के पश्चिमी और मध्य भागों में मानसून की प्रगति को प्रभावित किया है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि मॉनसून रविवार तक पूरे महाराष्ट्र और गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है।
आईएमडी ने एक बयान में कहा कि मुंबई, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख सहित महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, चंडीगढ़, दिल्ली सहित हरियाणा के अधिकांश हिस्सों, गुजरात के कुछ हिस्सों, पूर्वी राजस्थान और पंजाब में अगले दो दिन के दौरान मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 30 जून, 2021 में 13 जुलाई, 2020 में 25 जून, 2019 में पांच जुलाई और 2018 में 28 जून को मॉनसून ने राष्ट्रीय राजधानी में दस्तक दे दी थी। यह मुंबई में पिछले साल 11 जून को, 2021 में नौ जून को, 2020 में 14 जून को तथा 2019 में 25 जून को आया था।
इस साल, मॉनसून अपनी सामान्य तारीख एक जून से एक सप्ताह बाद आठ जून को केरल पहुंचा था। यह केरल में पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। शोध से पता चलता है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी का मतलब उत्तर पश्चिमी भारत में मॉनसून के आगमन में देरी नहीं है और साथ ही, इसका देशभर में होने वाली कुल वर्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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