उत्तर भारत में जबरदस्त बारिश का दौर, अगले 5 दिन तक भारी बरसात का अलर्ट, जानिए अपने इलाके का हाल

आईएमडी ने कहा कि 29 जून से तीन जुलाई तक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

उत्तर भारत में भारी बारिश

Heavy Rain In North India: उत्तर भारत के कई हिस्सों में शनिवार को मूसलाधार बारिश होने के साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले चार से पांच दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। शुक्रवार को भारी बारिश के बीच दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक निर्माण स्थल पर गिरी दीवार के मलबे से तीन मजदूरों के शव निकाले जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। रोहिणी, बुराड़ी और मध्य दिल्ली समेत शहर के कई इलाकों में शनिवार को भी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग में 8.9 मिमी, लोधी रोड मौसम भवन मे 12.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को 228.1 मिमी बारिश हुई, जो 1936 के बाद जून में सबसे अधिक बारिश है। आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अगले सात दिन तक दिल्ली में मध्यम से भारी बारिश होगी और अगले तीन दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल में मूसलाधार बारिश

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी बारिश हुई और 30 जून से दो जुलाई तक राज्य में मूसलाधार बारिश और आंधी का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों में तीन सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। मौसम केंद्र ने कहा कि पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा धर्मपुर में 62.4 मिमी बारिश हुई तथा धर्मशाला में 52.4 मिमी, कसौली में 39 मिमी, शिमला में 11.2 मिमी, सोलन में 10.2 मिमी बारिश हुई।

उत्तराखंड में सूखी नदी में आई बाढ़

उत्तराखंड के हरिद्वार में दोपहर भारी बारिश हुई जिससे सूखी नदी में बाढ़ आने से कई कारें पानी के तेज बहाव में बह गईं। हरिद्वार में बारिश का पानी घरों में घुस गया और प्रमुख सड़कों में जलजमाव हुआ। यह नदी आमतौर पर सूखी रहती है इसलिए लोग अपनी गाड़ियां सूखी नदी के किनारे खड़ी कर देते हैं। यह नदी बारिश के पानी से भरती है।

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