हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से मची तबाही, देखते ही देखते नदी में बह गई तीन मंजिला बिल्डिंग, देखें VIDEO

5 करोड़ रुपये की लागत से पिछले साल ही मंडी की तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया गया था। इस बिल्डिंग में 12 दुकानें, 8 कमरे और दो दफ्तर थे। इसका क्या हाल हुआ देखिए।

Himachal rain

हिमाचल में बारिश से तबाही

Himachal Pradesh Rain: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से व्यापक तबाही मची है। शिमला-मनाली, मंडी सहित कई जगहों पर भारी जान-माल की हानि हुई है। बादल फटने की घटनाओं के बाद यहां नजर आ रहे तबाही के मंजर दहलाने वाले हैं। मणिकर्ण वैली में बारिश से तबाही का ऐसा ही एक भयावह मंजर सामने आया है। यहां पूरी की पूरी 3 मंजिला मंडी देखते ही देखते धराशाही हो गई। पूरी बिल्डिंग को पार्वती नदी बहा ले गई।

5 करोड़ रुपये की लागत से पिछले साल ही हुआ था निर्माण

5 करोड़ रुपये की लागत से पिछले साल ही मंडी की तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया गया था। इस बिल्डिंग में 12 दुकानें, 8 कमरे और दो दफ्तर थे। बादल फटने के बाद अचानक पार्वती नदी में तेज बहाव के चलते सब्जी मंडी की तरफ आने वाली सड़क और बिल्डिंग पूरी तरीके से नदी में बह गई। दरअसल, बादल फटने से नदी ने अपना रास्ता ही बदल लिया था और इसकी चपेट में बिल्डिंग आ गई। नदी के अंदर अभी भी बिल्डिंग के अवशेष पड़े हुए हैं।

मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंसे

शिमला जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंस गए। कुल्लू उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि 33 में से 29 लोगों को निकाल लिया गया है। बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी आ गया। लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और होमगार्ड की टीमें 29 लोगों को बचाने में सफल रहीं, जबकि चार लोग अभी भी पावर हाउस में हैं। अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड बचाव अभियान चला रहे हैं। लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। वहां पीड़ितों की परिजन भी अपनों की कुशलता की आस लगाए बैठे हैं।

बादल फटने भारी तबाही, 45 लोग लापता, अबतक 73 मौतें

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 45 से अधिक लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को पूरी रात चले अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों में, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बुधवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए।

सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज क्षेत्र में हुआ हैं। यहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि अचानक बाढ़ आने के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए। गांधी ने कहा, हमें करीब 100 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश करनी है, जिसमें से कुछ क्षेत्र दुर्गम हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अचानक आई बाढ़ से अपने परिवार के साथ बच निकले एक वरिष्ठ नागरिक नली राम ने कहा, मैंने पानी के तेज बहाव की आवाज सुनी और अपने घर से बाहर आया तो पाया कि आसपास का इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है।

अब तक 73 की मौत, 649 करोड़ का नुकसान

समेज खुड के उफान में आने से शिमला और कुल्लू जिलों में तबाही मची। एक अन्य स्थानीय निवासी नील दत्त ने कहा, मेरे ससुर एक परियोजना पर काम कर रहे थे। बीती रात से उनका कोई पता नहीं है। मैं अपने परिजन के साथ उन्हें खोजने के लिए यहां आया हूं। खबरों के अनुसार, राज्य में बादल फटने के बाद 20 से अधिक घर, छह दुकानें, चार मुख्य पुल और दो पैदल पुल बाढ़ के पानी में बह गए। प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बाधित हो गया है। राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक बारिश की घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है। (भाषा इनपुट के साथ)

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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