इन 11 विधायकों के पत्ते कटे, दो मंत्रियों की सीट बदली और क्या कहती है BJP की पहली लिस्ट

Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: पार्टी की ओर से जारी सूची में एक कैबिनेट मंत्री समेत 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है। धर्मपुर से विधायक व राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा ने जुब्बल-कोटखाई से चेतन बरागटा को मैदान में उतारा है, जिन्होंने पार्टी द्वारा उन्हें टिकट देने से इनकार करने के बाद उपचुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।

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बीजेपी ने 62 उम्मीदवारों की जारी की पहली लिस्ट।

तस्वीर साभार : भाषा
मुख्य बातें
  1. बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 11 विधायकों का काटा टिकट
  2. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को मंडी से बनाया उम्मीदवार
  3. बीजेपी ने दो मंत्रियों की सीट बदली

Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने बुधवार को 62 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने एक मंत्री सहित 11 विधायकों का टिकट काट दिया है जबकि दो मंत्रियों की सीटों में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) सिराज विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को भाजपा ने मंडी से उम्मीदवार बनाया है। आज जारी 62 उम्मीदवारों की सूची में पांच महिलाओं को भी टिकट दिया गया है।

बीजेपी ने 62 उम्मीदवारों की जारी की पहली लिस्ट

भाजपा नेताओं ने बताया कि अगले दो दिनों के भीतर भाजपा शेष बची छह सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सीटें हैं। पार्टी ने दो मंत्रियों सुरेश भारद्वाज तथा राकेश पठानिया की सीटों में भी बदलाव किया है। भारद्वाज राज्य में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और वह शिमला शहरी निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं। उन्हें कसुम्पटी से चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि नूरपुर से विधायक पठानिया को पड़ोसी फतेहपुर से टिकट दिया गया है।

अपनी पहली लिस्ट में बीजेपी ने 11 विधायकों का काटा टिकट

पार्टी की ओर से जारी सूची में एक कैबिनेट मंत्री समेत 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है। धर्मपुर से विधायक व राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा ने जुब्बल-कोटखाई से चेतन बरागटा को मैदान में उतारा है, जिन्होंने पार्टी द्वारा उन्हें टिकट देने से इनकार करने के बाद उपचुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।

सिंह के अलावा भाजपा ने जिन मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं, उनमें बिलासपुर से सुभाष ठाकुर, अन्नी के विधायक किशोरी लाल, करसोग के विधायक हीरालाल, दरंग से जवाहर ठाकुर, सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह, भोरंज से कमलेश कुमारी, जवाली से अर्जुन सिंह, धर्मशाला से विशाल नैहरिया, भरमौर से जिया लाल और चंबा से पवन नैय्यर शामिल हैं।

बिलासपुर में ठाकुर की जगह भाजपा ने त्रिलोक जम्बाल, अन्नी से लाल की जगह लोकेंद्र कुमार, करसोग से हीरालाल की जगह दीपराज कपूर, दरंग से ठाकुर की जगह पूरन चंद ठाकुर, सरकाघाट से सिंह की जगह दलीप ठाकुर, भोरंज से कमलेश कुमारी की जगह अनिल धीमान, जवाली से अर्जुन सिंह की जगह संजय गुलेरिया, धर्मशाला से नैहरिया की जगह आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राकेश चौधरी, भरमौर से जिया लाल की जगह जनक राज और चंबा से नैय्यर की जगह इंदिरा कपूर को टिकट दिया है।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए कांगड़ा के पूर्व विधायक पवन काजल और नालागढ़ के पूर्व विधायक लखविंद्र राणा को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। राज्य विधानसभा में 17 सीटें अनुसूचित जाति और तीन सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। हालांकि भाजपा ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार तो उतारे ही हैं, उसने पांच सामान्य सीटों पर भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को नहीं दिया टिकट

भाजपा ने इस बार के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने उनकी जगह सुजानपुर सीट से कैप्टन (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में धूमल को इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले राजेन्द्र राणा ने पराजित किया था। धूमल की हार के बाद भाजपा ने जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि 78 वर्षीय धूमल ने पार्टी नेतृत्व को चुनाव नहीं लड़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था। धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्री हैं। भाजपा ने इससे पहले हुए कुछ चुनावों में 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को चुनाव मैदान में उतारने से परहेज किया। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती एक बार फिर ऊना से भाग्य आजमाएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा ने हराया था।

जिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है उनमें दो तिहाई उम्मीदवार स्नातक और परास्नातक हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नवगठित केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की पहली बैठक में मंगलवार को इन उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, संगठन महामंत्री बी एल संतोष, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा सहित केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सभी सदस्य शामिल हुए।

इनके अलावा बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी शामिल हुए। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। मतगणना आठ दिसंबर को होगी। राज्य विधानसभा में, भाजपा के अभी 43 जबकि कांग्रेस के 22 सदस्य हैं। सदन में दो निर्दलीय सदस्य और माकपा का एक सदस्य है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी (आप) भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयासरत है।

चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार देर शाम 46 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस की सूची में तीन महिलाएं शामिल हैं।

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