Himachal Election: वीरभद्र के बिना कितनी मजबूत है कांग्रेस, इतिहास बदलेगा या पंजे की हार रहेगी जारी?

Himachal Election: वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस को केवल 21 सीटें ही मिली थीं। इस चुनाव में भाजपा को 48.8 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के पक्ष में 41.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। तब वीरभद्र सिंह चुनावी मैदान में काफी सक्रिय थे।

कांग्रेस को खलेगी वीरभद्र सिंह की कमी?

हिमाचल में ऐसे तो कई दशकों से इतिहास रहा है कि हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन हो जाता है, लेकिन इस बार ये इतिहास बदलेगा या पीएम मोदी के दम पर भाजपा नया इतिहास लिखेगी? कांग्रेस के लिए ये चुनाव काफी मुश्किल होने वाला है। कारण है उसके सबसे बड़े नेता वीरभद्र सिंह इस चुनाव में नजर नहीं आएंगे, वो अब इस दुनिया में नहीं है, हालांकि उनके परिवार के भरोसे ही कांग्रेस चुनावी मैदान में है।

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दरअसल पिछले कई दशकों से कांग्रेस की राजनीति हिमाचल में वीरभद्र सिंह के इर्द-गिर्द घूमती रही थी। कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का श्रेय कई सालों से उन्हीं को मिलते रहा है। अब इस चुनाव में जब वो नहीं हैं तो उनकी जगह पर उनकी पत्नी प्रतिभा और बेटे विक्रमादित्य सिंह कमान संभाले हुए हैं। हालांकि हर कोई जानता है कि वीरभद्र सिंह का कोई विकल्प हिमाचल कांग्रेस के लिए नहीं हो सकता है।

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कांग्रेस के लिए ये चुनाव कई मामलों में चुनौतीपूर्ण है। पहला उसके साथ अब वीरभद्र सिंह की रणनीति नहीं रही है। दूसरा उसी के वोट बैंक में अब आम आदमी पार्टी भी जोर-शोर से सेंध लगाने की तैयारी कर रही है और राज्य में मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी हुई। तीसरा और सबसे बड़ी चुनौती पीएम मोदी है, जिनके दम पर भाजपा इस चुनाव में भी उतरी हुई है।

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