हिमाचल CM से पहले Jai Ram Thakur 'हैं किसान' , फैमिली बोली थी- खेती पर दो ध्यान; पर सत्ता के 'शिखर' पर जा किया नाम
Who is Jai Ram Thakur: ठाकुर को लेकर कहा जाता है कि उनके किसान पिता चाहते थे कि वह पढ़-लिख कर सरकारी नौकरी करें। पर आम परिवार से नाता रखने वाले जय राम अपने संघर्ष के बीच अपने काम से रास्ता बनाते गए और सूबे में सत्ता के शिखर तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लोगों का अभिवादन स्वीकारते जय राम ठाकुर।
Who is Jai Ram Thakur: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मौजूदा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Jairam Thakur) सिराज (Seraj) सीट से आगामी चुनाव लड़ेंगे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा (62 उम्मीदवारों की सूची में नाम) है। लो प्रोफाइल वाले ठाकुर पांच बार विधायक रह चुके हैं। धूमल सरकार में वह कैबिनेट मंत्री (ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग) थे, जबकि वह साल 2007 से 2009 के बीच बीजेपी की हिमाचल इकाई के मुखिया भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं, उनके बारे में:
Jairam Thakur Family
छह जनवरी 1965 को मंडी जिला की सिराज विस में तांडी गांव में जन्में ठाकुर कृषि पृष्ठभूमि वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह जब छोटे थे, तब उनकी फैमिली को काफी संघर्ष करना पड़ा था। उनके पिता का नाम जेठू राम (Jethu Ram) था, जबकि मां ब्रिकू देवी (Briku Devi) है। माता-पिता की कुल तीन संतानों (सभी पुत्र) में जय राम सबसे छोटे भाई हैं। राजस्थान के जयपुर से नाता रखने वाली उनकी पत्नी का नाम साधना सिंह है, जो कि डॉक्टर और सोशल वर्कर हैं। साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य भी रह चुकी हैं। दोनों की दो बेटियां हैं।
Jairam Thakur Education
जय राम की शुरुआती पढ़ाई कुरानी स्कूल (Kurani School) से हुई, जबकि उन्होंने थुनाग के पास बागस्याड से हाईस्कूल पूरा किया। आगे मंडी (Mandi) के वल्लभ गवर्नमेंट कॉलेज (Vallabh Government College) से 1987 में उन्होंने अपना ग्रैजुएशन पूरा किया और फिर चंडीगढ़ में पंजाब विवि (Punjab University) पहुंचे। वहां से उन्होंने एमए की डिग्री हासिल की।
Jairam Thakur Political Debut
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से करीब माने जाने वाले ठाकुर कॉलेज और विवि के दिनों से ही एबीवीपी के सदस्य थे। 1993 में उन्होंने Chachiot विधानसभा क्षेत्र (जो परिसीमन के बाद सिराज विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है) से अपना पहले चुनाव लड़ा था और वह तब सिर्फ 26 साल के थे। 1998 में वह इसी सीट से चुनाव जीते और विधायक बने। फिलहाल उन पर कोई क्रिमिनल केस नहीं है।
ठाकुर को लेकर कहा जाता है कि उनके किसान पिता चाहते थे कि वह पढ़-लिख कर सरकारी नौकरी करें। पर आम परिवार से नाता रखने वाले जय राम अपने संघर्ष के बीच अपने काम से रास्ता बनाते गए और सूबे में सत्ता के शिखर तक पहुंचे। 1993 में जब उन्हें टिकट मिला था तो घर की माली हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में उनसे कहा गया था कि वह खेती पर ध्यान दें। हालांकि, वह अपने इरादे पर अडिग रहे और सियासी मैदान में डटे रहे।
Jairam Thakur Weath, Property & Assets
चुनावी हलफनामे में अपना पेशा खेती-किसानी बताने वाले जय राम के पास तीन करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। 2017-18 के आईटीआर के हवाले से चुनावी हलफनामे में दी जानकारी में बताया गया था कि तब उनकी कुल आय 20 लाख 40 हजार 654 रुपए थी, जबकि पत्नी की उसी साल में कुल इनकम 22 लाख 96 हजार 479 रुपए थी। दो लाख रुपए के आसपास उनके पास तब कैश था, जबकि एक करोड़ से अधिक की रकम उनके बैंक खातों में जमा थी।
उन्होंने इसके अलावा बॉन्ड्स और शेयर में दो लाख से अधिक, एनएसएस व पोस्टल सेविंग्स में साढ़े तीन लाख रुपए, एलआईसी और अन्य बीमा पॉलिसियों के तहत 17 लाख रुपए से अधिक का निवेश कर रखा है। उनके पास दो कारें, जिनकी कीमत 24 लाख रुपए हैं। इनमें इनोवा और स्कॉर्पियो है। जूलरी की बात करें तो उनके पास 11 लाख 20 हजार रुपए का सामान है। इसमें तीन सोने की अंगूठियां और सोना आदि है। यही नहीं, उनके पास 35 लाख रुपए की कृषि भूमि, साढ़े आठ लाख रुपए की गैर-कृषि जमीन और 95 लाख रुपए की रिहायती इमारत है।
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