हिमाचल प्रदेश कैबिनेट का विस्तार: राजेश धर्माणी और यादवेंदर गोमा मंत्री बनाए गए
Himachal Pradesh cabinet expansion: मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल में एक मंत्री पद अब भी खाली है और इसे जल्द ही भरा जाएगा। उन्होंने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करने के भी संकेत दिये।
हिमाचल में हुआ कैबिनेट विस्तार
Himachal Pradesh cabinet expansion: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले एक साल पुराने मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार हुआ और उसमें राजेश धर्माणी और यादवेंदर गोमा को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया। सुक्खू ने कहा कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के प्रयास किए गए हैं और मंडी जिले के एकमात्र कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर को जल्द ही समायोजित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- राजस्थान में भाजपा ने खेला सोशल इंजीनियरिंग कार्ड : ब्राह्मण सीएम, राजपूत और दलित डिप्टी सीएम
एक मंत्रीपद और खाली
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल में एक मंत्री पद अब भी खाली है और इसे जल्द ही भरा जाएगा। उन्होंने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करने के भी संकेत दिये। कांग्रेस सरकार के सोमवार को एक साल पूरा होने के एक दिन राज्य मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया गया। इसके साथ ही अब कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 11 हो गई है।
मंत्रियों ने ली शपथ
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने यहां राजभवन में एक समारोह में मुख्यमंत्री सुक्खू और अन्य कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में नवनियुक्त मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल दिल्ली में थे लेकिन शपथ समारोह के लिए मंगलवार को शिमला पहुंचे। धर्माणी (51) पूर्व मुख्य संसदीय सचिव हैं और घुमारवीं से तीन बार के विधायक हैं, जबकि 37 वर्षीय गोमा जयसिंहपुर से दो बार के विधायक हैं। दोनों नेताओं के पास इंजीनियरिंग एवं एमबीए की डिग्रियां हैं।
12 मंत्री हो सकते हैं
पिछले साल 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के शपथ ग्रहण के बाद आठ जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार कर सात कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया था। धर्माणी के शामिल किए जाने से बिलासपुर जिले को सरकार में प्रतिनिधित्व मिल गया है, जबकि गोमा के माध्यम से कांगड़ा जिले को एक और मंत्री मिल गया है। कांगड़ा जिले से कांग्रेस के 10 विधायक हैं। हिमाचल मंत्रिमंडल में कुल 12 मंत्री हो सकते है और एक पद अब भी खाली है, जबकि राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव लंबित है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने जनवरी में पहले विस्तार से पूर्व छह मुख्य संसदीय सचिवों की भी नियुक्ति की थी।
जातीय समीकरण का ध्यान
नए विस्तार के बाद, कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित राजपूत समुदाय से पांच मंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत ब्राह्मण समुदाय से दो, अनुसूचित जाति से दो और अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति से एक-एक मंत्री शामिल हैं। मंत्रिमंडल में दो नए मंत्रियों को शामिल करने से ब्राह्मण और अनुसूचित जाति समुदायों का प्रतिनिधित्व बढ़ गया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
हिमाचल सरकार के 6 मुख्य संसदीय सचिवों को अयोग्य ठहराने जाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, कोर्ट ने दिया यह निर्देश
Sukma Encounter: छत्तीसगढ़ में मारे गए 10 नक्सली, सुकमा में सुरक्षाबलों ने किया एनकाउंटर; ओडिशा से आए थे माओवादी
BJP vs Congress: मणिपुर मामले पर खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, तो जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर दिया ये जवाब
सहारनपुर में शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव, कोच का शीशा टूटा, पुलिस के पहुंचते ही आरोपी फरार
अमेरिका के बराबर हो जाएगा बिहार का सड़क नेटवर्क; नितिन गडकरी ने बताया कब तक
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited