हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस के 6 बागी विधायक अयोग्य घोषित, सदस्यता भी गई...स्पीकर ने लिया एक्शन

Himachal Pradesh Congress rebel MLAs disqualified: राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत सामने आई थी। इन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार को वोट न देकर क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद राज्य में सुक्खू सरकार के ऊपर सियासी संकट खड़ा हो गया था।

Kuldeep Singh Pathania

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया

Himachal Pradesh Congress rebel MLAs disqualified: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है, इसके साथ ही विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने तत्काल प्रभाव से उनकी सदस्यता को भी समाप्त कर दिया है। स्पीकर पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के 6 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन व्हिप का उल्लंघन किया। ऐसे में दल बदल कानून के तहत ये विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं साथ ही उनकी विधानसभा सदस्यता भी तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।

बता दें, राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत सामने आई थी। इन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार को वोट न देकर क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद विधायक और मंत्री हर्ष वर्धन ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने इस मामले को उठाया और बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था।

राज्यसभा चुनाव में BJP उम्मीदवार की हुई थी जीत

बता दें, हिमाचल प्रदेश की एक मात्र राज्यसभा सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों की ओर से उम्मीदवार खड़ा किया था। इस सीट को जीतने के लिए किसी भी पार्टी को 35 विधायकों के वोट की जरूरत थी। कांग्रेस के विधानसभा में 40 विधायक थे, ऐसे में पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय मानी जा रही थी। हालांकि, कांग्रेस के 6 विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया, जिससे दोनों उम्मीदवार के 34-34 वोट हो गए। बाद में पर्ची से फैसला किया गया, जिसमें भाजपा के हर्ष महाजन की जीत हुई।

विक्रमादित्य सिंह के भी तेवर हुए नरम

राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह के तेवर भी नरम पड़ने लगे हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे के उनके प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा अस्वीकार करने का उल्लेख किया और पार्टी में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। बता दें, राज्यसभा चुनाव के दौरान छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे। इस बीच विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे की पेशकश करके राज्य की सुक्खू सरकार की मुसीबत बढ़ा दी थी। हालांकि, कुछ घंटे बाद ही मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह इस्तीफे पर जोर नहीं देंगे।

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