हिमाचल प्रदेश के इस गांव से यहूदियों का है खास कनेक्शन, कहा जाता है 'मिनी इजरायल'
Dharamkot Village : हिमाचल प्रदेश का यह गांव भारत में यहूदी लोगों को दूसरा घर है। भारत आने वाला हर इजरायल व्यक्ति एक बार धर्मकोट की यात्रा जरूर करता है। यहां के रेस्टोरेंट में इजरायली खान-पान का मिलना आम बात है। इस गांव को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में इजरायली नागरिकों का भी योगदान है। धर्मकोट की गलियों एवं चौराहों पर हिब्रू भाषा में आपको साइनबोर्ड देखने को मिल जाएंगे।
यहूदी लोगों को बेहद पसंद है हिमाचल प्रदेश का धर्मकोट गांव।
Dharamkot Village : भारत और इजरायल के संबंधों की प्रगाढ़ता केवल रक्षा क्षेत्र में या केवल दो सरकारों के बीच नहीं है। बल्कि रिश्तों की यह गर्माहट दोनों देशों के लोगों के बीच महसूस की जाती है। यहूदी लोग मानते हैं कि भारत में उन्हें जितना सम्मान, आदर, प्रेम और अपनापन मिलता है, उतना दुनिया के किसी और हिस्से में नहीं मिला। यही बात उन्हें बार-बार भारत खींचकर लाती है। भारत में ऐसे कई शहर एवं स्थान हैं जिनसे यहूदी लोगों का खास कनेक्शन है। इन्हीं में से एक स्थान हिमाचल प्रदेश का धर्मकोट गांव है। इस धर्मकोट गांव को हिमाचल प्रदेश का 'मिनी इजरायल' कहा जाता है।
धर्मकोट गांव में चबाड हाउस भी
धर्मकोट गांव में यहूदी समुदाय के लिए चबाड हाउस भी है। चबाड हाउस एक तरीके का कम्युनिटी सेंटर होता है जहां पर यहूदी समुदाय के लिए धार्मिक सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। धर्मकोट में की एक और खासियत यहां सस्ते होमस्टे की सुविधा है। यहां मद्धिम रोशनी वाले कई रेस्टोरेंट हैं जो लोगों को बहुत पसंद आते हैं। लोगों की जरूरतों एवं सुविधाओं की मांग को देखते हुए अब यहां कई बड़े होटल भी खुल चुके हैं।
हिब्रू भाषा में साइनबोर्ड
हिमाचल प्रदेश का यह गांव भारत में यहूदी लोगों के लिए दूसरे घर जैसा है। भारत आने वाला हर इजरायल व्यक्ति एक बार धर्मकोट की यात्रा जरूर करता है। यहां के रेस्टोरेंट में इजरायली खान-पान का मिलना आम बात है। इस गांव को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में इजरायली नागरिकों का भी योगदान है। धर्मकोट की गलियों एवं चौराहों पर हिब्रू भाषा में आपको साइनबोर्ड देखने को मिल जाएंगे।
इजरायली व्यंजन रेस्तरां की खास पहचान
यहूदी नव वर्ष रोश-हशाना के मौके पर धर्मकोट में बड़ी संख्या में इजरायली जुटते हैं। इस खास मौके पर उनके लिए शहद के साथ सेव, मछली के सिर से बने व्यंजन, फलाफल, शक्षुका एवं हुम्मूस परोसे जाते हैं।
बार-बार आने से स्थानीय लोगों से बना खास रिश्ता
कहा जाता है कि इजरायली ने धर्मकोट गांव को 1990 के दशक में अपने लिए मुफीद पाया। इसके बाद वे लगातार यहां आने लगे। यहूदी लोगों के बार-बार यहां आने से स्थानीय लोगों के साथ उनका एक खास रिश्ता बन गया। यहूदी लोगों का यहां आना यहां के 'गद्दी' आदिवासियों को थोड़ा अटपटा लगा लेकिन समय के साथ उन्होंने इजरायली संस्कृति के प्रति नरम रुख अपना लिया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें
RG Kar Rape Murder:'...उसे फांसी पर लटका दो' दोषी संजय रॉय की मां बोलीं, 'मैं अकेले रोऊंगी', लेकिन 'कोई आपत्ति नहीं'-Video
जम्मू कश्मीर के सोपोर में आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों का एनकाउंटर, तलाशी अभियान के दौरान घेरे में लिए गए आतंकी
White T-Shirt : राहुल गांधी लोगों से कर रहे 'सफेद टी-शर्ट' पहनने की अपील, क्या है मामला
जम्मू-कश्मीर में रेलवे की बड़ी उपलब्धि, कटरा-बडगाम ट्रैक पर 18 कोच का ट्रायल रन हुआ कंप्लीट
Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं, पढ़ें 'मन की बात' के 118वें एपिसोड की बड़ी बातें
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited