Himachal Salary Crisis: नहीं आई 2 लाख कर्मचारियों की सेलरी और पेंशनर्स की पेंशन, अभी और कितना इंतजार?
Himachal Salary & Pension Crisis: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनर्स को सैलरी-पेंशन नहीं मिली है, अभी सैलरी और पेंशन नहीं मिलने के आसार दिख रहे हैं।
सीएम सुक्खू ने सदन को भरोसा दिलाया कि वित्तीय स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी
- 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनर्स को सैलरी-पेंशन नहीं मिली है
- सीएम सुक्खू ने मुफ़्तखोरी की संस्कृति में आने के लिए बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया
- सुक्खू ने सदन को भरोसा दिलाया कि वित्तीय स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी
Himachal financial crisis Update: हिमाचल के इतिहास में पहली बार 1 तारीख को कर्मचारियों सैलरी नहीं आई है, पुराने कर्ज को चुकाने के लिए लेना पड़ रहा लोन बताते हैं कि कर्मचारी और पेंशनर्स की करीब 10 हजार करोड़ की देनदारियां बकाया हैं वहीं कहा जा रहा है कि हिमाचल पर करीब 94 हजार करोड़ का कर्ज है।
वित्तीय संकट के कारण हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में देरी हो रही है, हर महीने की 1 तारीख तक मिलने वाला वेतन, सरकार ने अभी तक जारी नहीं किया है, बताते हैं कि वेतन में देरी से 2 लाख से ज़्यादा कर्मचारी परेशान हैं।
भरोसा दिलाया कि वित्तीय स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी
वेतन में देरी के बावजूद, सरकार की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि वेतन कब मिलेगा? वहीं वित्तीय स्थिति पर सीएम सुखी की प्रतिक्रिया आई, विधानसभा में सुक्खू ने मुफ़्तखोरी की संस्कृति में आने के लिए बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया वहीं सीएम सुक्खू ने सदन को भरोसा दिलाया कि वित्तीय स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी।
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अधिकारियों ने वित्तीय स्थिति को लेकर समीक्षा की
शिमला स्थित राज्य सचिवालय में वित्त विभाग के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई इसमें प्रधान सचिव वित्त सहित अन्य अधिकारियों ने वित्तीय स्थिति को लेकर समीक्षा की है।
विपक्ष ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
हिमाचल में गहराया वितीय संकट, सितंबर महीने की तीन तारीख होने के बाद भी नहीं आई कर्मचारियों को सैलरी, हिमाचल के इतिहास में यह बार, विपक्ष ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, बोले हिमाचल वित्तीय आपातकाल, खटाखट गारंटियों ने किया कंगाल और राज्यों के लिए भी हिमाचल से मिला सबक, सता के लिए झूठी गारंटियां दे रही कांग्रेस....
'हिमाचल प्रदेश में राहुल गांधी की खटाखट गारंटियों की पोल खुल गई है'
हिमाचल प्रदेश में वितीय संकट को लेकर प्रदेश में बबाल मचा हुआ है ।पहले हिमाचल के मुख्यमंत्री ने सदन में वित्तीय संकट की बात कर खुद, मंत्रियों, सीपीएस व विधायको की सैलरी 2 महीने डेफर करने बाद का निर्णय लिया और बाद में मुख्यमंत्री कह रहे कि कोई वितीय संकट नही है लेकिन हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 3 तारीख तक कर्मचारियों को सेलरी नही मिली है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में राहुल गांधी की खटाखट गारंटियों की पोल खुल गई है इससे और राज्यों को भी सबक लेना चाहिए।
अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई?
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि आज 3 तारीख होने के बावजूद कर्मचारियों के खाते में सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है जबकि मुख्यमंत्री कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई। विपक्ष ने इसी को लेकर सदन में चर्चा मांगी थी लेकिन सरकार गंभीर नहीं है हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हो गया है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर है। गारंटी पूरी करने के चक्कर में अब कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं मिल रही है जो कि हिमाचल के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।विपक्ष विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर दखल की मांग की है। भाजपा कांग्रेस की खटाखट गारंटियों का चुनावी राज्यों में भी पोल खोलेगी।
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