इस साल हिमालयी इलाकों पर पड़ेगी मौसम की मार, अधिक गर्मी के साथ जमकर होगी बारिश, विशेषज्ञ भी चिंतित

भूटान, भारत, नेपाल, बांग्लादेश, और पाकिस्तान सभी देशों में अधिक बारिश होने की उम्मीद है। यह बारिश समग्र वार्मिंग प्रवृत्ति के संदर्भ में होगी। न्यूनतम और अधिकतम दोनों तापमान सामान्य से अधिक होंगे।

Himalaya

हिमालय के इलाकों में बदलेगा मौसम का पैटर्न

Monsoon in Himalayan Nations: विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र के देशों को आगे एक मुश्किल मानसून के मौसम का सामना करना पड़ सकता है। भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और पाकिस्तान के अधिकांश हिस्सों में अधिक गर्मी के साथ ही सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हिमालय से लगते इन इलाकों में तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है और बारिश भी सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटेग्रेटिड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) ने जून से सितंबर के अपने पूर्वानुमान में यह जानकारी दी है।

मौसम संबंधी चरम घटनाएं

इसने कहा कि पिछले महीने समूचे क्षेत्र में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ा है जिस वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा, फसलें प्रभावित हुईं और जंगलों में आग लगने की घटनाएं हुईं। आईसीआईएमओडी ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि इस महीने मानसून-पूर्व बारिश ने दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों को राहत प्रदान की है, लेकिन यह राहत अस्थायी ही है।

अल नीनो की स्थिति कमजोर होगी

29 अप्रैल, 2024 को पुणे में आयोजित दक्षिण एशियाई जलवायु आउटलुक फोरम (SASCOF-28) के 28 सत्रों में तकनीकी विशेषज्ञों में आम सहमति रही कि भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की स्थिति कमजोर होने की संभावना है। मानसून के मौसम के शुरुआती भाग के दौरान एल नीनो तटस्थ रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की दूसरी छमाही के दौरान ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना है। ऐसी स्थिति आमतौर पर सामान्य से अधिक बारिश से जुड़ी होती है।

अधिक बारिश होने की संभावना

भूटान, भारत, नेपाल, बांग्लादेश, और पाकिस्तान सभी देशों में अधिक बारिश होने की उम्मीद है। और यह बारिश समग्र वार्मिंग प्रवृत्ति के संदर्भ में होगी। न्यूनतम और अधिकतम दोनों तापमान सामान्य से अधिक होंगे। आईसीआईएमओडी में कार्यक्रम समन्वयक मंदिरा श्रेष्ठ ने बताया, इस तथ्य के बावजूद कि पिछले साल एचकेएच देशों के कई हिस्सों में औसत से कम बारिश हुई थी, हमने हिंदू कुश हिमालय के पहाड़ों में एक के बाद एक क्षेत्र, समुदाय दर समुदाय में विनाशकारी बाढ़ देखी।

मानसून पैटर्न चिंताजनक

उन्होंने कहा, उस संदर्भ में इस वर्ष का मानसून पैटर्न चिंताजनक है। यह समग्र वार्मिंग प्रवृत्ति के विरुद्ध भी है, जिसके बारे में हम जानते हैं कि यह बर्फ और ग्लेशियरों के अधिक पिघलने और पर्माफ्रॉस्ट (छिपा हुआ गोंद जो कई पहाड़ी ढलानों को स्थिर करता है) के नुकसान से जुड़ा है। इसका पिघलना अक्सर विनाशकारी आकस्मिक बाढ़ और भूस्खलन का एक प्रमुख कारक होता है जिसे अब हम अपने पूरे क्षेत्र में देख रहे हैं।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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