'हिंदुओं को माला और भाला रखना जरूरी'; बाबा बागेश्वर बोले- जैसे बनेगा, हिंदू राष्ट्र बनेगा...

Times Now Navbharat Mahakumbh Program: बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने टाइम्स नाउ नवभारत के 'महाकुंभ' कार्यक्रम में खुलकर अपनी बात रखी। बागेश्वर धाम ने कहा कि हमें इस जीवन में जीते-जी बहुत जल्दी हिंदुत्व के लिए जागने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के खिलाफ कई लोग बोलकर शेर बन गए हैं। हिंदुओं को माला और भाला दोनों रखना जरूरी है।

Dhirendra Krishna Shastri

बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

Times Now Navbharat Mahakumbh Program: बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने टाइम्स नाउ नवभारत के 'महाकुंभ' कार्यक्रम में खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि तुम अपनी जलन बरकरार रखो, हम अपना जलवा बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के तमाम लोगों ने सनातन संस्कृति के लिए प्रखर होकर अपनी जो बातें रखी उसका परिणाम वर्तमान में महाकुंभ में दिखाई दे रहा है। यहां पर न कोई अगड़ा है न पिछड़ा है... प्रधानमंत्री और देश का गृह मंत्री भी वहां पर डुबकी लगा रहे हैं, जहां पर हमारे गांव के सरपंच ने कल डुबकी लगाई थी। शंकराचार्य ने भी वहां पर डुबकी लगाई, जहां पर एक साधारण से आचार्य ने डुबकी लगाई है।

'दरबार तो बहाना है, हमें हिंदुओं को जगाना था'

बागेश्वर धाम ने कहा कि हमें इस जीवन में जीते-जी बहुत जल्दी हिंदुत्व के लिए जागने का सौभाग्य मिला। अपनी बात रखने का पत्रकारों, सोशल मीडिया, दरबार इत्यादि के माध्यम से मौका मिला। दरबार तो एक बहाना था, असलियत में हमें हिंदुओं को जगाना था। चूंकि जो कार्य चल रहा है उसका व्यवस्थित परिणाम महाकुंभ में दिखाई दे रहा है। ये गुरुओं, भारत में भगवान श्रीराम की कृपा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें लोग कह रहे हैं कि काश हम भारत से अलग न होते तो भिखमंगे न होते।

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जाति व्यवस्था पर खुलकर बोले बागेश्वर धाम

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के जात-पात वाले बयान पर उन्होंने कहा कि वो हमारे आचार्य हैं और उन पर टिप्पणी करना बहुत मुखर्तापूर्ण बात होगी, लेकिन एक बात हम बहुत स्पष्ट रूप से बता देते हैं कि जाति-पाति हटाने के पीछे हमारा लॉजिक यह नहीं था कि हमें जातियां या सरनेम हटाना है, बल्कि जातियों में आई कुरुतिया- घृणा के नाम पर, भेदभाव के नाम पर, छुआ-छूत के नाम पर, अगड़े और पिछड़े के नाम पर हटाना है... इसीलिए हमने कहा- जाति-पाति और भेदभाव की करो विदाई हम सब हिंदू भाई-भाई।

उन्होंने कहा कि हमें भेदभाव और कुरीतियों को मिटाना ठीक उतना ही जरूरी है जितना वर्तमान में हिंदुओं को एक करना जरूरी है... हम ये कहना चाह रहे हैं कि अगर आपने सरनेम में ब्रह्माण, क्षत्रिय या सूत्र लगा है तो वह यह न समझ लें कि मैं सुपर हूं या पिछड़ा हूं... हम ये टैग हटाना चाह रहे हैं ताकि जातियों के नाम पर राजनीति न हो।

'हिंदुओं को माला और भाला दोनों ही रखना जरूरी है'

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आप दुबई में कुरान के बारे में कुछ नहीं बोल सकते हैं, लेकिन भारत में पुराण के बारे में बोल सकते हैं। इस तरह की दोगलापंति नहीं चलेगी। आप इस्लामिक देशों में उनके खिलाफ नहीं बोल सकते हैं। भारत में भी अगर किसी ने बोला है तो एफआईआर हो गई है, लेकिन रामचरित मानस के खिलाफ कई लोग बोलकर शेर बन गए हैं। जैसे बनेगा, हिंदू राष्ट्र बनेगा। हिंदुओं को माला और भाला दोनों रखना जरूरी है।

धर्मसंसद से हिंदू राष्ट्र को लेकर प्रस्ताव से जुड़ी टाइमलाइन से जुड़े सवाल पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे आचार्य निर्णय करेंगे। हम सिर्फ अपना मत रख सकते हैं... हम निर्णय नहीं दे सकते हैं। हम उनकी (आचार्यों) आज्ञा और बिना संकेत के हम नहीं बोल सकते हैं। वो जो बोलेंगे हम वही कहेंगे। हम अपनी सीमा पार नहीं करेंगे, लेकिन ये बात तय हो चुकी है कि हिंदू राष्ट्र का प्रस्ताव जाने वाला है।

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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

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