इतिहास के पन्नों में दर्ज है राजस्थान का ये चुनाव, जब भाजपा ने तोड़ दिए थे जीत के सारे रिकॉर्ड

Historic Election Of Rajasthan: राजस्थान में अब तक 15 बार हुए विधानसभा चुनावों का अलग ही इतिहास है। बीते 30 सालों से 5 साल भाजपा और 5 साल कांग्रेस का सिलसिला बदस्तूर जारी है। क्या आपको मालूम है कि सूबे में अब तक हुए इन 15 चुनाव में सबसे बड़ी जीत किसने हासिल की है? नीचे पढ़िए रोचक बातें..

राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत का इतिहास।

Rajasthan Chunav: 23 फरवरी 1952... यही वो तारीख है जब राजस्थान में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त 160 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस से 82 विधायक विधानसभा पहुंचे। टीकाराम पालीवाल को सूबे का मुख्यमंत्री चुना गया था। 5 सालों दो मुख्यमंत्री बदल गए, टीकाराम के बाद जय नारायण व्यास और फिर एमएल सुखाड़िया महज 38 साल की उम्र में राजस्थान के मुख्यमंत्री बने और 17 सालों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाए रखा।

राजस्थान में होता रहा सीटों का विस्तार

साल 1957 में राजस्थान में 160 विधानसभा सीटों को बढ़ाकर 176 कर दिया गया और 10 साल बाद सीटों का फिर से विस्तार हो गया और 184 सीटों पर चुनाव कराए गए। इसके ठीक 10 साल बाद 184 को बढ़ाकर राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हो गईं। यही वो वक्त था राजस्थान में पहली बार गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बना था। जनता पार्टी ने 200 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की और भैरो सिंह शेखावत पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिनका कांग्रेस से कोई नाता नहीं था। पुलिस की नौकरी छोड़कर खेती में आने वाले शेखावत इत्तेफाकन राजनीति में पहुंच गए। सीकर के रामगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने और फिर 1977 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए।

भाजपा ने राजस्थान में कब रचा इतिहास

साल 1998 तक भाजपा के भैरो सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, मगर इसी बीच कांग्रेस ने उस वक्त तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की और 200 में से 152 विधानसभा सीटों पर कब्जा किया, अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनाए गए। ये वो वक्त था जब एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का सिलसिला शुरू हो चुका था। गहलोत के बाद साल 2003 चुनाव के बाद भाजपा ने वसुंधरा राजे को पहली बार सीएम बनाया। इसी के ठीक 10 साल बाद भाजपा ने राजस्थान में जीत का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना दिया।

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