काशी ऐसे नहीं है दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक, 3000 साल से ज्यादा पुराना है इतिहास

Importance of Kashi: काशी की तुलना दुनिया के सबसे पुराने शहरों के साथ की जाती है। भगवान शिव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध काशी वैसे तो सनातन धर्म के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन इसके अलावा काशी का बौद्ध और जैन धर्म के मतावलंबियों से भी नाता है।

मुख्य बातें
  • बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने काशी के सारनाथ में ही पहला उपदेश दिया था।
  • जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का काशी में जन्म हुआ था।
  • काशी भारत के सबसे पुराने महाजनपदों में से भी एक है।

History of Kashi: भारत में दिवाली के अलावा एक और दिवाली मनाई जाती है। जिसका नाता काशी से है। काशी में मनाई जाने वाली दिवाली का नाता भगवान शिव से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णि‍मा के दिन भगवान शि‍व ने त्रि‍पुरा नामक राक्षस का वध किया था।इसी खुशी में देव दिवाली की शुरूआती हुई। काशी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक काशी का खास महत्व रहा है। इसलिए भारतीयों के अलावा विदेशी भी इसको खास अहमियत देते हैं। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन ने काशी के बार में लिखा था कि बनारस इतिहास से भी पुराना है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है। काशी की यही खासियत उसे दुनिया के प्राचीनतम शहरों के साथ खड़ा करती है।

संबंधित खबरें

3000 से 5000 साल पुराना शहर

संबंधित खबरें

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा काशी या वाराणसी के इतिहास के बारे में लिखा गया है कि इसका 3000 साल पुराना इतिहास है। शहरों के बसावट के अनुसार काशी का दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में स्थान है। हालांकि कुछ विद्वान इसे 4000 साल पुराना तो कुछ इसे करीब 5000 साल पुराना मानते हैं। यह हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। इसके अलावा स्कन्द पुराण, रामायण, महाभारत और ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में इसका उल्लेख मिलता है। चीनी यात्री ह्वेनत्सांग ने भी काशी की प्रशंसा करते हुए, उसे धार्मिक, शैक्षणिक एवं कलात्मक गतिविधियों का केन्द्र बताया है और इसका विस्तार गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक बताया है। जो कि 5 वीं सदी में भारत आए थे।

संबंधित खबरें
End Of Feed