क्या है खालिस्तान, जिसका नया मसीहा बनता फिर रहा अमृतपाल सिंह; जा चुकी है PM-CM की जान

History of Khalistan Movement: पंजाब में इन दिनों खालिस्तान की आवाज फिर से सुनाई देने लगी है। इसका नया मसीहा अमृतपाल सिंह है, जिसने एक बार फिर से इसकी मांग को हवा दिया है, हालांकि आज की तारीख में खुद अमृतपाल सिंह पुलिस से बचने के लिए भागता फिर रहा है।

खालिस्तान का इतिहास

History of Khalistan Movement: पंजाब में खालिस्तान को लेकर समय-समय पर हंगामा होता रहा है, इसके नाम पर नए-नए नेता समय-समय पर सामने आते रहे हैं। अभी के समय में अमृतपाल सिंह इसे लेकर आक्रमक हो रखा है और फिलहाल पुलिस से बचने के लिए भागा-भागा फिर रहा है। पंजाब की इस समस्या में कई लोग मारे गए हैं। इसके चक्कर में पीएम से लेकर सीएम तक की हत्या हो चुकी है।

कहां से शुरू हुई कहानी

देश जब आजाद हो रहा था, तभी से खालिस्तान की कहानी शुरू हो गई थी। सिख साम्राज्य का जब पतन हुआ और अंग्रेजों का उदय हुआ, तब तक सबकुछ ठीक ही था, लेकिन जालियावाला बाग नरसंहार के बाद सिख, अंग्रेजों के विरोध में चले गए। आजादी के बाद जब बंटवारे की बात आई तो अलग सिख लैंड की बात सामने आने लगी। तब इसकी अगुवाई शिरोमणी अकाली दल कर रहा था, जिसका गठन 1920 में हुआ था। बीबीसी के अनुसार खालिस्तान शब्द पहली बार 1940 में सुनाई दिया था, तब डॉक्टर वीर सिंह भट्टी ने एक पैम्फलेट में इस शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम लीग की घोषणापत्र के जवाब में किया था।

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