महाकाल मंदिर: ब्रह्मा ने बनवाया, इल्तुमिश ने तोड़ा और लूटा, फिर इस मराठा ने लौटाया गौरव

Mahakal Corridor: महाकाल का प्राचीनतम उल्लेख पुराणों में मिलता है। जिसे ब्रह्मा जी ने बनवाया था। इसके अलावा एक कहानी के अनुसार 600 ईसा पूर्व में राजा चंदा प्रद्योत ने राजकुमार कुमारसेन की महाकाल मंदिर की कानून-व्यवस्था की देखभाल के लिए नियुक्ति का भी उल्लेख है। इसके अलावा चौथी और तीसरी ईसा पूर्व उज्जैन की मुद्राओं में भी भगवान शिव की आकृति अंकित पाई गई है।

मुख्य बातें
  • महाकवि कालीदास के उपन्यास मेघदूतम में भी महाकाल मंदिर का उल्लेख मिलता है।
  • महाकाल मंदिर को दिल्ली के शासक इल्तुमिश के दौर में लूटा गया और उसे तोड़ा गया।
  • उज्जैन की लोकेशन खगोल शास्त्र में भी उसे महत्व स्थान दिलाती है।
Mahakal Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उज्जैन स्थित महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन कर दिया है। महाकाल की नगरी उज्जैन पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। और इसका इतिहास भी पुराणों में मिलता है। मान्यता है कि महाकाल मंदिर का निर्माण ब्रह्मा जी ने कराया था। और उसके बाद से उसका उल्लेख विभिन्न किताबों में मिलता है। कालीदास (Kalidas) के मेघदूतम में भी पत्थर और लकड़ी से बने मंदिर का वर्णन है। ईसा पूर्व से बने महाकाल मंदिर का हमेशा से महत्व रहा है। लेकिन इसी वजह से महाकाल मंदिर आंक्राताओं के भी निशाने पर आया। और इसे तोड़ा और लूटा गया।
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पुराणों में जिक्र
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महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, महाकाल का प्राचीनतम उल्लेख पुराणों में मिलता है। जिसे ब्रह्मा जी ने बनवाया था। इसके अलावा एक कहानी के अनुसार 600 ईसा पूर्व में राजा चंदा प्रद्योत ने राजकुमार कुमारसेन की महाकाल मंदिर की कानून-व्यवस्था की देखभाल के लिए नियुक्ति का भी उल्लेख है। इसके अलावा चौथी और तीसरी ईसा पूर्व उज्जैन की मुद्राओं में भी भगवान शिव की आकृति अंकित पाई गई है।
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