Ram Mandir Timeline in Hindi: टेंट से मंदिर तक कैसे पहुंचे रामलला, क्या है पांच सदियों की कहानी... पढ़िए 1528 से 2024 तक की टाइमलाइन

Ram Mandir Timeline in Hindi: राम मंदिर का ऐतिहासिक सफर कई जन आंदोलनों से भरा हुआ है। इसके लिए सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ी गई है और देश की आम जनता ने रामलला के लिए 500 सालों का इंतजार किया है।

Ram Mandir

राम मंदिर का इतिहास

Ram Mandir Timeline in Hindi: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की शुभ घड़ी आ चुकी है। थोड़ी देर में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होगा और रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। पूरे भातरवर्ष को उन ऐतिहासिक पलों का इंतजार है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। हर किसी ने रामलला के स्वागत के लिए अपने-अपने तरीके से तैयारी की है।

हालांकि, राम मंदिर के संघर्ष की कहानी इतनी आसान नहीं है। राम मंदिर का ऐतिहासिक सफर कई जन आंदोलनों से भरा हुआ है। इसके लिए सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ी गई है और देश की आम जनता ने रामलला के लिए 500 सालों का इंतजार किया है। आइए जानते हैं पांच सदियों के संघर्ष की कहानी और 1528 से 2024 तक राम मंदिर की पूरी टाइमलाइन...

  • 1528- अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। माना जाता है कि मंदिर को तुड़वाकर मुगल बादशाह बाबर ने यह मस्जिद बनवाई। उसके सम्मान में इसे बाबरी मस्जिद कहा गया।
  • 1853- अयोध्या में पहली बार रामलला के जन्मस्थान पर सांप्रदायिक दंगे हुए।
  • 1858- ब्रितानी शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दी गई।
  • 1885- जनवरी 1885 को पहली बार भूमि विवाद का मामला अदालत पहुंचा। याचिका महंत रघुबीर दास की ओर से फैजाबाद जिला अदालत में दायर की गई। उन्होंने मस्जिद के बाहर स्थित राम चबूतरा पर बने अस्थायी मंदिर को पक्का बनाने और छात डालने की मांग की। हालांकि, उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया गया।
  • 1949- बाबरी मस्जिद के अंदर पहली बार भगवान राम की मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ। कथित तौर पर कुछ हिंदुओं ने ये मूर्तियां वहां रखवाई थीं। उस वक्त मुसलमानों ने इसका विरोध किया और दोनों पक्षों ने अदालत का रुख किया। इसके बाद इस स्थिल को विवादित घोषित कर ताला लगा दिया गया।
  • 1984- कुछ हिंदुओं ने विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में जन्मस्थल को मुक्त कराने व मंदिर निर्माण के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद अभियान का नेतृत्व भाजपा के प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी ने किया।
  • 1986- 1 फरवरी, 1986 को फैजाबाद के जिला न्यायाधीश केएम पाण्डेय ने हरि शंकर दुबे की याचिका पर मस्जिद का ताला खोने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन किया।
  • 1989- विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान तेज कर दिया और विवादित स्थल के पास राम मंदिर की नींव रखी गई।
  • 1990- राम मंदिर के लिए चल रहे आंदोलन के लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण रहा। भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में रथ यात्रा की शुरुआत की गई। हजारों कारसेवकों व स्वयंसेवकों ने इसमें प्रतिभाग किया।
  • 1992- 6 दिसंबर 1992 को हजारों कारसेवक अयोध्या पहुंच गए। कारसेवक विवादित ढांचे के गुंबद पर चढ़ गए और उसे ढहा दिया। इसी दिन शाम को इसकी जगह अस्थायी मदंरि बनाकर पूजा शुरू कर दी गई। इसी के साथ बाबरी मस्जिद गिराए जाने के विरोध में देशभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। इसमें हजारों लोग मारे गए।
  • 2001- बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया और विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण करने के अपने संकल्प को दोहराया।
  • 2003- इलाहाबाद हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ ने आदेश जारी कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल की खुदाई करने और पता लगाने का निर्देश दिया कि यहां पर मंदिर था या नहीं। एएसआई ने गहन सर्वेक्षण किया, जिसमें विवादित स्थल के नीचे हिंदू परिषद होने के पुख्ता सबूत मिले। इसका मुस्लिम पक्ष ने भारी विरोध् किया।
  • 2010- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन भागों में विभाजित करने का फैसला दिया। इसमें एक तिहाई हिस्सा रामलला विराजमान, एक तिहाई हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड और एक तिहाई हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दे दिया गया।
  • 2011: इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ तीनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। 2017 में, शीर्ष अदालत ने अदालती समाधान का आह्वान किया।
  • 2019 - अयोध्या विवाद में 2019 को महत्वपूर्ण मोड़ आया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने रामलला के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को विवादित जगह को रामलला को सौंपने का आदेश दिया। इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया।
  • 2020 - 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर निर्माण की आधारिशला रखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।
  • 22 जनवरी, 2024- यह तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। कुछ ही देर में पूरा देश ऐतिहासिक राम मंदिर के उद्घाटन का साक्षी बनेगा।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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