'प्राइवेट पार्ट पकड़ना, नाड़ा तोड़ना रेप नहीं...' इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी महिला के निजी अंग को पकड़ना और नाड़ा तोड़ना रेप या रेप की कोशिश नहीं माना जा सकता है।

लड़की का निजी अंग पकड़ना दुष्कर्म का मामला नहीं- कोर्ट
Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन अपराध के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि एक लड़की का निजी अंग पकड़ना और उसकी पायजामी का नाड़ा तोड़ना, आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) का मामला नहीं है, बल्कि ऐसा अपराध धारा 354 (बी) (किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। यह आदेश दो व्यक्तियों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने पारित किया। इन आरोपियों ने कासगंज के विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) की अदालत में एक आवेदन दाखिल करके आरोप लगाया गया था कि 10 नवंबर, 2021 को शाम करीब पांच बजे शिकायतकर्ता महिला अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ ननद के घर से लौट रही थी। दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया था महिला के गांव के ही रहने वाले पवन, आकाश और अशोक रास्ते में उसे मिले और पूछा कि वह कहां से आ रही है। इसके अनुसार जब महिला ने बताया कि वह अपनी ननद के घर से लौट रही है, तो उन्होंने बेटी को मोटरसाइकिल से घर छोड़ने की बात कही। इसके अनुसार महिला ने बेटी को उनके साथ जाने दिया।
आरोपियों ने पकड़े थे लड़की के निजी अंग
दाखिल आवेदन में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने रास्ते में ही मोटरसाइकिल रोक दी और लड़की का निजी अंग पकड़ लिया और आकाश लड़की को खींचकर पुलिया के नीचे ले गया जहां उसने लड़की की पायजामी का नाड़ा तोड़ दिया। इसके अनुसार लड़की चीखने लगी और चीख सुनकर दो व्यक्ति वहां पहुंचे, जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और मौके से भाग गए। पीड़ित लड़की और गवाहों का बयान दर्ज करके निचली अदालत ने दुष्कर्म के अपराध के लिए आरोपियों को समन जारी किया। तथ्यों को देखने के बाद अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ आरोप यह है कि इन्होंने लड़की का निजी अंग पकड़ा और उसे निर्वस्त्र करने का प्रयास किया, लेकिन गवाहों के हस्तक्षेप की वजह से वे लड़की को छोड़कर मौके से फरार हो गए।
अदालत ने 17 मार्च को दिए अपने निर्णय में कहा कि आरोपी व्यक्तियों का लड़की के साथ दुष्कर्म करने का दृढ निश्चय था, यह संदर्भ निकालने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है। आकाश के खिलाफ आरोप केवल यह है कि उसने लड़की को पुलिया के नीचे ले जाने का प्रयास किया और उसकी पायजामी का नाड़ा तोड़ा। अदालत ने कहा कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि आरोपी ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ लगाए गए आरोपों और इस मामले के तथ्यों से दुष्कर्म का मामला नहीं बनता। अदालत ने कहा कि इस मामले के तथ्यों को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 354(बी) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 के तहत समन जारी किया जाना चाहिए, जो एक नाबालिग बच्चे के साथ गंभीर यौन अपराध के लिए दंड की व्यवस्था देती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

Times Now Summit 2025: टाइम्स नाउ के मंच पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह, नक्सलवाद-आतंकवाद से निपटने से लेकर राहुल के आरोपों का दिया करारा जवाब

'पूरे देश में सबसे तेज गति से प्रोग्रेस करने वाला राज्य है मध्य प्रदेश', टाइम्स नाउ समिट में बोले मोहन यादव

हमास जानता है कि अगर उसने बंधकों पर हमला किया तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी- Times Now Summit 2025 में बोले इजराइली राजदूत

'विमान किराये की आड़ में यात्रियों का दोहन हो बंद', विपक्षी सांसदों ने की किरायों की अधिकतम सीमा तय करने की मांग

स्टेट पॉलिटिक्स में कब एंट्री करेंगे चिराग पासवान? 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' प्राथमिकता; वैश्विक स्तर पर ले जाएंगे बिहार के कृषि उत्पाद
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited