GBS 2024 में गृह मंत्री शाह की 4 बड़ी घोषणाएं, जानिए-CAA,वन नेशन वन इलेक्शन, UCC, विकसित राष्ट्र पर क्या कहा

Amit Shah announcements at GBS 2024 : शाह ने कहा कि यूसीसी जनसंघ के जमाने से एजेंडे में रहा है। यह संविधान का एजेंडा है। अनुच्छेद 44 में संविधान निर्माताओं ने संसद और राज्य की विधान मंडलों से कहा है कि जब भी अनुकूल समय हो इस देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।

Amit Shah

ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024 में गृह मंत्री अमित शाह।

Amit Shah announcements at GBS 2024 : ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024 का इस बार का आयोजन कई मायनों में खास रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने देश के विकास के एजेंडे पर अपनी बात रखी। साथ ही दोनों नेताओं ने राजनीति, चुनाव, समसामयिक मुद्दों एवं दुनिया में बढ़ती भारत की छवि का जिक्र किया। कार्यक्रम के दूसरे दिन गृह मंत्री शाह ने इस मंच से चार बड़ी घोषणाएं कीं। ये घोषणाएं भारत के भविष्य को प्रभावित करने वाली हैं। समान नागरिक संहिता (UCC), वन नेशन वन इलेक्शन, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) और विकसित भारत के बारे में गृह मंत्री ने टाइम्स नाउ नवभारत एवं टाइम्स नाउ की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ बेबाक बातचीत की। शाह की बड़ी बातों ने इन विषयों पर जारी अटकलों पर विराम लगाया। यहां हम गृह मंत्री की चार बड़ी घोषणाओं का जिक्र करेंगे-

'अन्य राज्य से भी UCC लाने की उम्मीद'

शाह ने कहा कि यूसीसी जनसंघ के जमाने से एजेंडे में रहा है। यह संविधान का एजेंडा है। अनुच्छेद 44 में संविधान निर्माताओं ने संसद और राज्य की विधान मंडलों से कहा है कि जब भी अनुकूल समय हो इस देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। इस पर जवाहर लाल नेहरू के खुद के दस्तखत हैं। यह बात कांग्रेस भूल गई। यूसीसी की बात तब से होती है जब हमारा राजनीतिक जन्म भी नहीं हुआ था। लेकिन कांग्रेस ने इसे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से भुला दिया लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे को मजबूती से पकड़ कर रखा। गृह मंत्री ने कहा कि यूसीसी समाजाकि बदलाव का बहुत बड़ा मुद्दा है। उत्तराखंड में जो यूसीसी आया है, उस पर सामाजिक एवं कानूनी रूप से बहस होनी चाहिए। इसकी कानूनी समीक्षा तो होगी ही। गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इन सारी प्रक्रियाओं से गुजरकर यूसीसी का जो रूप सामने आएगा उसे देश की सभी विधानसभाएं मानेंगी। एक पंथ निरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून हो ही नहीं सकता, इस बात को दुनिया ने स्वीकारा है। हमारा भी ऐसा ही विचार है।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर मार्च की शुरुआत में रिपोर्ट

गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब देश की जनता को फैसला करना चाहिए कि वन नेशन-वन इलेक्शन एक वक्त पर होना चाहिए या नहीं। वन नेशन-वन इलेक्शन जनता को तय करना है। इस पर कमेटी बनाई गई है, जो कई बुद्धजीवियों से बात कर रही है। मार्च के शुरुआत में कमेटी की रिपोर्ट आने की उम्मीद है। उसके तुरंत बाद चुनाव होने हैं।

चुनाव से पहले लागू होगा CAA

अमित शाह ने कहा कि CAA कानून लोकसभा चुनाव से पहले अमल में आ जाएगा। यह देश का कानून है, चुनाव से पहले निश्चित रूप से इसका नोटिफिकेशन जारी होगा। इस पर किसी तरह का संदेह या संशय नहीं होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहतें हैं कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। विपक्ष इस पर लोगों को गुमराह कर रहा है। शाह ने कहा कि जब कांग्रेस ने देश का विभाजन किया, तो वहां पर (पाकिस्तान) में जो अल्पसंख्यक थे, हिंदू, जैन, ईसाई थे, उनकी प्रताड़ना होती थी, सारे लोग यहां भागकर आते थे। उस वक्त कांग्रेस पार्टी का वादा था कि आप धीरे-धीरे आइए, आप जब भी भारत आएंगे आपको नागरिकता दी जाएगी, लेकिन वह मुकर गई।

भारत को महान राष्ट्र बनाने के एजेंडे पर चुनाव लड़ा जाएगा

आजादी के बाद यह पहली बार होगा जब भारत को महान राष्ट्र बनाने के एजेंडे पर चुनाव लड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र और पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने का जो संकल्प देश के 130 करोड़ लोगों के सामने रखा है, उसका बहुत सारा काम पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में ही पूरा हो जाएगा।
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