Murshidabad Violence: खाक हुए मकान और बेघर हो गए लोग; हर तरफ हिंसा के निशान, उपद्रवियों ने जमकर की लूटपाट

Murshidabad Violence: कहीं जलकर राख हुए मकान, तो कहीं झुलसे मवेशी... ये तस्वीर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की है, जहां बीते दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़की और हिंसा की आग ने सैकड़ों घरों को जलाकर राख कर दिया। हिंसा के बाद रोते-बिलखते लोग, जिनके पास अब आशियाना तक नहीं है, उनका दुख सुनने वाला कोई नहीं है।

Murshidabad Violence

मुर्शिदाबाद हिंसा

Murshidabad Violence: कहीं जलकर राख हुए मकान, तो कहीं झुलसे मवेशी... ये तस्वीर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की है, जहां बीते दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़की और हिंसा की आग ने सैकड़ों घरों को जलाकर राख कर दिया। इसमें कई मकान पूरी तरह जल गए और मकान में रखे सामान राख हो गए। इसमें लोग भी हताहत हुए।

तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि जब हिंसा भड़की होगी, तो कितनी भयावह स्थिति होगी। इलाका मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज क्षेत्र स्थित बेदबोना गांव का बताया जा रहा है, जहां 'वक्फ आंदोलन' के नाम पर उपद्रवियों ने एक के बाद एक कई घरों पर हमला बोल दिया। इस हमले में करीब 100 से 130 घरों को लूटा गया, फिर आग के हवाले कर दिया गया।

घरों पर दिख रहे हिंसा के निशान

हिंसा के बाद रोते-बिलखते लोग, जिनके पास अब आशियाना तक नहीं है, उनका दुख सुनने वाला कोई नहीं है। कई परिवारों ने वर्षों की मेहनत और बचत से अपने घर बनवाए थे, लेकिन चंद पलों में ही सब कुछ राख में तब्दील हो गया। केवल घर ही नहीं, गांव के सभी हिंदू व्यवसायिक प्रतिष्ठान जैसे किराना दुकानें, छोटे व्यवसाय और अन्य दुकानों को भी निशाना बनाकर आग के हवाले कर दिया गया।

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गांव में डर का माहौल

इस भयावह घटना के बाद से गांव में डर और तनाव का माहौल बना हुआ है। कई लोग बेघर हो चुके हैं और अस्थायी शिविरों की शरण में हैं। पीड़ितों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं कि इतनी बड़ी घटना को होने से क्यों नहीं रोका गया?

हिंसा के दौरान गांव में हुई लूटपाट

शमशेरगंज इलाके में एक युवक की हत्या भी कर दी गई थी। मृतक के भतीजे सूरज दास ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि हमारे गांव में लूटपाट हो रही थी, हर तरफ से लोग भाग रहे थे। लड़कियां छिपकर बैठी थीं, पूरा घर जला दिया गया। घर तोड़कर चाचा की पिटाई की और फिर उनकी जान ले ली। पूरे गांव को लूट लिया गया।

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'3 घंटे तक नहीं आई पुलिस'

उसने बताया कि डेढ़ सौ से ज्यादा लोग आए थे, उनके पास धारदार हथियार, पत्थर और बंदूक थे। सभी लोग गमछे से अपना मुंह बांधे हुए थे, हम डर के मारे भाग रहे थे। पुलिस तीन घंटे तक फोन पर कहती रही कि दस मिनट में आ रही है, लेकिन नहीं आई। हत्या हो गई, तीन-चार घंटे तक शव पड़ा रहा, तब जाकर पुलिस आई। नेता आए तो पीड़ित लोग चुप रह गए। फिर गांव छोड़कर लोग भाग गए।

इन इलाकों में भड़की थी हिंसा

बता दें कि मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज जैसे क्षेत्रों में पिछले दिनों वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, दुकानों और घरों को नुकसान पहुंचाया। उपद्रवियों की पुलिस से भी झड़प हुई।

CAPF ने संभाला मोर्चा

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती की गई और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित रखी गईं। हिंसा के दौरान सैकड़ों लोग विस्थापित हुए, इनमें से कई ने पड़ोसी मालदा जिले में शरण ली तो कई ने सीमावर्ती झारखंड का भी रुख कर लिया।

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अनुराग गुप्ता author

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