हाईवे कैसे बंद कर सकता है राज्य? इसे ट्रैफिक के लिए खोलें...शंभू बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का हरियाणा सरकार को निर्देश

शंभू बॉर्डर पिछले 5 महीनों से बंद है। इसके कारण लोगों को आवाजाही के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी इस संबंध में फैसला सुनाया था।

शंभू बॉर्डर

Supreme Court On Shambhu Border: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी शंभू बॉर्डर पर ट्रैफिक खोलने के संबंध में हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य हाईवे कैसे बंद सकता है? इसे यातायात के लिए खोलें और नियंत्रित करें। अदालत ने दिल्ली-अंबाला रोड पर शंभू बॉर्डर पर लगे अवरोधकों के संबंध में हरियाणा सरकार को ये निर्देश दिया।

किसान आंदोलन की घोषणा के बाद लगाए बैरिकेड्स

हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर तब बैरिकेड्स लगाए थे, जब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि राज्य उच्च न्यायालय के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है, जिसने उसे सात दिनों के भीतर राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया था।

वकील द्वारा शीर्ष अदालत में अपील दायर करने के बारे में पीठ को सूचित करने के बाद जस्टिस भुइयां ने कहा, कोई राज्य किसी राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका कर्तव्य है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलें लेकिन नियंत्रित करें।

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