पाकिस्तान का रास्ता छोड़ गुजरात की तरफ कैसे बढ़ गया Biparjoy, अब धारण किया विकराल रूप
आईएमडी पहले ही संभावना जता चुका है कि बिपरजॉय से व्यापक नुकसान होगा। इसे लेकर केंद्र और गुजरात सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं।
Cyclone Biparjoy: अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) ने विकराल रूप धारण कर लिया है और इसके 15-16 जून के गुजरात तट से टकराने की संभावना है। लेकिन इससे पहले ही इसने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जखाऊ बंदरगाह से से 250 किमी दूर होने के बावजूद यह इलाका पूरी तरह वीरान हो गया है। फिलहाल यह 150 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। आईएमडी पहले ही संभावना जता चुका है कि बिपरजॉय से व्यापक नुकसान होगा। इसे लेकर केंद्र और गुजरात सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को यहां तैनात किया है और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
पाकिस्तान जा रहे बिपरजॉय ने बदला रास्ता
ये इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान है। इसने मानसून पर भी असर डाला। बिपरजॉय की वजह से केरल में मॉनसून देरी से पहुंचा। इसके बाद बिपरजॉय कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट होते हुए आगे बढ़ा। अब यह गंभीर चक्रवात में तब्दील हो चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक 15 जून की शाम तक जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ से टकराएगा। शुरुआत में जब ये चक्रवात बना था तब माना जा रहा था कि ये पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा है। लेकिन बिपरजॉय अचानक से गुजरात की ओर मुड़ गया। आखिर ऐसा क्यों हुआ।
विशेषज्ञों ने बताई वजह
अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात 6 जून को उठा था। इसके बाद ये तूफान हफ्तेभर तक पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ता रहा, लेकिन अचानक रास्ता बदलकर गुजरात की ओर बढ़ने लगा। विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवात हवा के दवाब के मुताबिक रास्ता बदलते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब किसी चक्रवात ने अपना रास्ता बदल लिया हो।
15-16 जून तक जखाऊ पोर्ट से टकराएगा
मौसम विभाग ने कहा है कि 15-16 जून तक ये चक्रवात गुजरात के जखाऊ पोर्ट (Jakhau Port) से टकराएगा। इसे पूरी तरह खाली करा लिया गया है। 14-15 जून को गुजरात के कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट में बिपरजॉय का असर दिखेगा। आईएमडी के अनुसार इन जिलों में 14 और 15 जून को तेज बारिश हो सकती है। 16 जून के बाद इसका असर उत्तरी गुजरात से सटे राजस्थान के इलाकों में भी पड़ेगा। बिपरजॉय से निपटने के लिए गुजरात में एसडीआरएफ (SDRF) की 10 और एनडीआरएफ (NDRF) की 12 टीमें तैनात की गई हैं।
37,800 लोगों को निकाला
बिपरजॉय के गुजरात के कच्छ जिले की ओर बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने अभी तक राज्य के आठ जिलों में समुद्र के पास रहने वाले करीब 37,800 लोगों को निकाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, शक्तिशाली चक्रवात 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह पहुंच सकता है। आईएमडी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, वीएससीएस (बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान) बिपरजॉय अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए 14 जून को तड़के भारतीय समायुनसार ढाई बजे जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 किलोमीटर डब्ल्यूएसडब्ल्यू पर केंद्रित रहा। वीएससीएस के रूप में ही 15 जून की शाम तक यह जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास से गुजरेगा।
आईएमडी ने जताई तबाही की आशंका
गुजरात सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अभी तक समुद्र तट के किनारे रह रहे 37,800 लोगों को निकाला गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया। आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात बिपारजॉय से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निकालने का काम बुधवार को भी जारी रहेगा। आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
15-17 तक गुजरात में भारी बारिश
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है और बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं।
देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दल पूरी तरह से तैयार हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार के प्रतिनिधियों से मंगलवार को ऑनलाइन बातचीत की थी और उनसे चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य व पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा था।
पाकिस्तान में भी बिपरजॉय का असर
पाकिस्तान में भी बिपरजॉय का बड़ा असर दिख रहा है और कराची में तटीय इलाकों को खाली कराया गया है। पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध की सरकार ने बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने मीडिया को बताया कि यहां आपातकाल घोषित कर दिया गया है और 80,000 से अधिक लोगों को सूरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए सेना और नौसेना को बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थट्टा, केटी बंदर, सुजावल, बादिन, थारपारकर और उमेरकोट जिलों में पहले से ही बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है। ये इलाके चक्रवात बिपरजॉय से प्रभावित हो सकते हैं। बिपरजॉय बांग्ला भाषा का शब्द है जिसका मतलब आपदा होता है।
पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में सीव्यू समुद्र तट के आसपास रहने वाले लोगों से भी स्वेच्छा से अपने घरों को खाली करने को कहा गया है। यह चक्रवात प्रांत के केटी बंदर तटीय क्षेत्र के पास टकरा सकता है.। डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (डीएचए) ने सोमवार को ‘सीव्यू बीच’ और दरकशां के आस-पास स्थित घरों और अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी कर कहा था कि वे अपने-अपने घरों को स्वेच्छा से खाली कर स्थिति बेहतर होने तक कराची के अंदरूनी इलाकों में चले जाएं।
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