यादवों की संख्या इतनी अधिक कैसे हो गई? बिहार जाति गणना सर्वे रिपोर्ट पर जीतनराम मांझी ने उठाए सवाल
बिहार में जाति गणना सर्वे रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतनराम मांझी ने सवाल उठाया कि यादवों की संख्या इतनी अधिक कैसे हो गई।
यादवों की संख्या पर जीतन राम मांझी ने सवाल उठाए
बिहार में जातीय गणना सर्वे रिपोर्ट आने के बाद से सियासी हलचल तेज है। कई नेताओं ने इसमें गड़बड़ी की शिकायत की। उपेंद्र कुशवाहा के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतनराम मांझी ने यादवों की जनसंख्या पर सवाल उठा दिया है, उससे सबसे अधिक बताया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरी जातियों की संख्या कम दिखाने के लिए यादवों की उपजातियों में इसमें शामिल कर दिया गया है। जबकि अन्य जातियों को अलग अलग दिखाया गया।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा 1931 की जातीय जनगणना की तुलना में यादवों की संख्या 4 प्रतिशत बढ़कर 14 प्रतिशत हो गई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इतना अधिक कैसे हो गया। दूसरी जातियां कम कैसे हो गईं। उन्होंने कहा कि यादव के नाम पर 8 से 10 जातियों को एक साथ मिल दिया गया।
जीतनराम मांझी ने कहा कि सरकारी द्वारा जारी किए गए आंकड़े से पता चलता है कि यादव के नाम पर बिहार सरकार ने अहीर, ग्वाला, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप और लक्ष्मी नारायण गोला जैसी सभी जातियों को यादव में मिल दिया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे भूइयां जाति को अलग कर दिया गया, जबकि दो के बजाय एक होना चाहिए था। हमने सीएम को लिखा है कि दोनों एक ही जाति है आपने ही कहा था कि भूइयां और मुसहर दोनों एक हैं।
इसके अलावे उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी,मिले उसको उतनी हिस्सेदारी के तर्ज पर मैं माननीय नीतीश कुमार जी से आग्रह करता हूं कि राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर संख्या आधारित मंत्री परिषद का गठन करें जिससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिल पाए। दरी बिछाने वाला जमाना गया,जो बिछाएगा वही बैठेगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited