फेक वीडियो ने प्रवासी मजदूरों को तमिलनाडु से वापस आने पर किया मजबूर, सियासत भी चल रही खूब, समझें पूरा मामला
तमिलनाडु पुलिस और फैक्ट चेकर्स ने साफ किया कि इस तरह के वीडियो फेक हैं। ऐसी घटनाएं या तो राज्य से बाहर हुई हैं पूरी तरह गलत जानकारी दी जा रही है।
प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाए जानें की खबरों पर सियासी संग्राम (PTI)
तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की कथित पिटाई का मामला इन दिनों गर्म है। सोशल मीडिया पर आए कुछ वीडियो में दावा किया गया है कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रदेशों के मजदूरों से मारपीट की गई है और वे वापस लौट रहे हैं। इसे लेकर सियासत ने भी जोर पकड़ा और पटना से लेकर चेन्नई तक इसकी गूंज सुनाई दी। फिर सामने आया कि इस तरह के वीडियो और खबरें फर्जी हैं और इन पर यकीन न किया जाए। पिछले दो हफ्ते से सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो चल रहे हैं कि हिंदी भाषी प्रदेशों खास तौर पर बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। इनमें दावा किया गया कि इन मजदूरों को पीटा गया और कुछ की हत्या भी की गई।
फैक्स चेकर्स ने वीडियो को बताया फेक
तमिलनाडु पुलिस और फैक्ट चेकर्स ने साफ किया कि इस तरह के वीडियो फेक हैं। ऐसी घटनाएं या तो राज्य से बाहर हुई हैं पूरी तरह गलत जानकारी दी जा रही है। हालांकि, उद्योग जगत के कुछ लोगों के अनुसार, वीडियो देखकर कुछ प्रवासी श्रमिक डर के मारे घर लौट रहे हैं, जिससे तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। इसे लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की गठबंधन सरकार को निशाने पर लिया है। भाजपा ने कहा कि नीतीश सरकार इन मजदूरों की रक्षा करने में विफल रही है।
सीएम स्टालिन ने अफवाहों की निंदा की
4 मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऐसीअफवाहों की निंदा की और कहा कि राज्य में मजदूर सुरक्षित हैं। उसी दिन, तमिलनाडु पुलिस ने भाजपा के एक नेता के खिलाफ झूठी सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया। पुलिस ने कुछ ट्विटर हैंडल के खिलाफ भी झूठी सूचना पोस्ट करने के आरोप में केस दर्ज किया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 21 फरवरी को तमिलनाडु सरकार रेलवे पुलिस ने ट्रेन में सवार प्रवासी मजदूरों के एक समूह पर हमला करने और गाली देने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
राज्य के पुलिस महानिदेशक सी सिलेंद्र बाबू ने गुरुवार को कहा कि वायरल हो रहे वीडियो में जो मारपीट की घटनाएं दिख रही हैं, वे अतीत में तिरुप्पुर और कोयम्बटूर जिलों में हुई थीं। ये प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हिंसा के मामले नहीं थे। इसी तरह, फैक्ट चेकर्स ने बताया है कि वीडियो तमिलनाडु के नहीं हैं। अधिकतर वीडियो पुराने और तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक के हैं। हिंदी भाषी मजदूरों पर हमले से इनका कोई संबंध नहीं है।
तमिलनाडु में क्या असर पड़ा
तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में कुछ उद्योग बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देते हैं। उदाहरण के लिए, आतिथ्य और निर्माण क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक श्रमिक प्रवासी हैं। तिरुप्पुर जैसी जगहों में लगभग 20 फीसदी कपड़ा इकाई के कर्मचारी भी उत्तरी राज्यों से हैं। तमिलनाडु के श्रम मंत्री सीवी गणेशन ने कहा कि मजदूरों को पता है कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने शरारती तत्वों पर सोशल मीडिया पर गलत मंशा से अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया।
कोयंबटूर और तिरुपुर में जहां बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक कार्यरत हैं, वहां के प्रशासन ने हिंदी में अपील जारी की जिसमें श्रमिकों से नहीं घबराने की अपील की गई। जिला कलेक्टरों और औद्योगिक संघों ने भी प्रवासी श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन जारी की। द हिंदू ने बताया कि कोयम्बटूर और तिरुप्पुर जिलों के कुछ प्रवासी श्रमिक होली के लिए घर जा रहे हैं। उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने उम्मीद जताई कि त्योहार के बाद श्रमिक तमिलनाडु लौट आएंगे।
भाजपा-आरजेडी में सियासी संग्राम
इस बीच इसे लेकर सियासत ने जोर पकड़ा और भाजपा व आरजेडी-जेडीयू आमने-सामने आ गए। बिहार में भाजपा ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले वाले वीडियो साझा किए। भाजपा ने बिहारी प्रवासी श्रमिकों के तमिलनाडु से भाग जाने का दावा करने वाले वीडियो साझा किए। इन वीडियो में कथित तौर पर प्रवासियों को तमिलनाडु में दुर्व्यवहार का दावा करते हुए और शिकायत करते हुए दिखाया गया है कि बिहार सरकार ने कार्रवाई नहीं की।
बिहार विधानसभा में भी मामला उठने के बाद तेजस्वी यादव ने बयान दिया। यादव ने कहा कि तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक ने कथित हिंसा की खबरों का खंडन किया है। तेजस्वी ने भाजपा पर राज्यों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होने सदन में कहा कि एक तरफ वे (भाजपा) भारत माता की जय चिल्लाते हैं और दूसरी तरफ राज्यों के बीच घृणा पैदा करते हैं जैसे कि तमिलनाडु भारत का हिस्सा ही नहीं है।
तमिलनाडु भाजपा का दावा
उधर, इस मामले में तमिलनाडु भाजपा भी कूद पड़ी और उसका बयान बिहार भाजपा के दावों के उलट रहा। प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने 3 मार्च को कहा कि प्रवासी श्रमिक तमिलनाडु में सुरक्षित हैं और हाल के घटनाक्रम झूठी सूचनाओं के जरिए राज्य की छवि खराब करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। अन्नामलाई ने कहा कि मैं यह पार्टी से परे होकर कह रहा हूं क्योंकि मुझे राज्य के लोगों पर विश्वास है। इस बीच खबर ये भी आई कि इस मामले में खुद अन्नामलाई के खिलाफ भी तमिलनाडु में मामला दर्ज किया गया।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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