एंट्री-एग्जिट का रास्ता एक, धुआं भरने से नहीं हो पाया रेस्क्यू और खत्म हो गईं 10 जिंदगियां; क्यों बेकाबू हुई झांसी मेडिकल कॉलेज की आग

Jhansi Medical College Fire Accident: झांसी मेडिकल कॉलेज में देर रात लगी आग इस कदर फैली कि जबतक कुछ समझ में आता, कई नई जिंदगियां उसमें स्वाहा हो चुकी थीं। घटना के बाद परिजन अपने बच्चों की तलाश में दर-दर भटकते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। इस घटना में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।

झांसी मेडिकल कॉलेज में आग।

Jhansi Medical College Fire Accident: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। घटना के बाद 7 बच्चों की शिनाख्त हुई है, 3 की पहचान होना बाकी है। परिजनों का कहना है कि कई बच्चे अभी भी लापता हैं। इस बीच झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, जिसमें आग की घटना के कारणों का खुलासा हो सके।

बता दें, झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग इस कदर फैली कि जबतक कुछ समझ में आता, कई नई जिंदगियां उसमें स्वाहा हो चुकी थीं। घटना के बाद परिजन अपने बच्चों की तलाश में दर-दर भटकते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। बिलखते परिजन अपने बच्चों का चेहरा देखने की भीख मांगते रहे, लेकिन किसी ने न सुनी। इस बीच एक परिजन का कहना है कि उनके बच्चे का जन्म 9 नवंबर को हुआ था, वह अस्पताल में भर्ती था, लेकिन अचानक आग लग गई और अब उसका कुछ पता नहीं है। इसी तरह अपने बच्चे को खो चुकी एक मां रोत हुए कहती है - 'इन लोगों ने मेरे बच्चे को आग लगा दी...'

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में लगी आग

घटना पर झांसी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक(CMS) सचिन माहोर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई। आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन 15 मिनट में ही आग इतनी फैल गई कि काबू से बाहर हो गई और आग तुरंत फैल गई। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज के NICU में दो वार्ड हैं। अंदर की तरह क्रिटिकल केयर यूनिट था, यहीं पर सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। जबकि बाहर वाले वार्ड से सभी बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन अंदर वार्ड में मौजूद बच्चे आग का शिकार बन गए। बताया जा रहा है कि दोनों वार्डों के एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही रास्ता था, जिसमें धुआं भर गया था इसलिए रेस्क्यू नहीं हो सका।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेर...और देखें

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