China से सीमावर्ती क्षेत्रों में India के सामने कैसी है चुनौती? विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया

S Jaishankar on India-China Relations: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि अगर हिंदुस्तान को सम्मान और संवेदनशीलता नहीं नजर आता है तब हमें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की जरूरत है। हमें प्रतिरोध पर दृढ़ रहने की जरूरत है और दुर्भाग्य से मौजूदा समय में कुछ यही स्थिति है।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइलः IANS/iStock)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

S Jaishankar on India-China Relations: भारत फिलहाल चीन से 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से दी गई है। शनिवार (28 मई, 2023) को गुजरात के अहमदाबाद स्थित अनंत नेशनल विश्वविद्यालय में 'मोदी का भारत: एक उभरती ताकत' विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई प्रयास न हो। यह चुनौती पिछले तीन सालों के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘बहुत स्पष्ट’ रूप से दिखी।

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विदेश मंत्री के मुताबिक, दोनों देशों को रिश्ते में एक संतुलन तलाशना होगा, लेकिन यह दूसरे पक्ष की शर्तों पर नहीं हो सकता। अगर दोनों देशों के बीच शांति भंग होती है तो उनके संबंध प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। जयशंकर ने परोक्ष रूप से पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब मैं बड़ी ताकत की बात करता हूं, तो निश्चित तौर पर हमारे लिए चीन से खास चुनौती है। यह चुनौती बहुत जटिल चुनौती है, यह पिछले तीन सालों के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘बहुत स्पष्ट’ रूप से दिखी।’’

उन्होंने आगे बताया, ‘‘स्पष्ट रूप से जवाब दिए गए जिनकी जरूरत है। सरकार ने वे जवाब दिए। उस जवाब का एक बड़ा हिस्सा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सीमावर्ती क्षेत्र में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास न हो।’’ उन्होंने कहा , "...अगर आप मेरा सम्मान नहीं करते हैं, अगर आप मेरी चिंताओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं और अगर आप मेरे हितों की उपेक्षा करते हैं तो हम लंबे समय तक साथ कैसे चल सकते हैं?"

यही नहीं, जयशंकर ने सीधे तौर पर कहा कि अगर भारत को अपने लिए सम्मान और संवेदनशीलता नजर आती है, तो वह चीन के साथ बेहतर संबंध के बारे में सोच सकता है। उनके अनुसार, ‘‘मगर अगर हमें ऐसा नहीं दिखता, तो मुझे लगता है कि हमें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की जरूरत है, हमें प्रतिरोध पर दृढ़ रहने की जरूरत है। और दुर्भाग्य से वर्तमान में यही स्थिति है।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

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