भारत में कब तक रहेंगी शेख हसीना? MEA का बड़ा बयान आया सामने
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ही देशों ने अस्थायी शरण देने से इनकार कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो रहा है। इन तमाम स्थितियों पर भारत की नजर है। साथ ही सरकार पड़ोसी देशों के अधिकारियों से संपर्क में है।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना
- बांग्लादेश में लगातार बदल रही स्थिति: विदेश मंत्रालय।
- हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं: विदेश मंत्रालय।
- भारत में हैं बांग्लादेश की अपदस्थ PM शेख हसीना।
Sheikh Hasina: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद स्थिति असामान्य बनी हुई है। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं और ब्रिटेन और अमेरिका से पॉलिटिकल असाइलम मांगा, लेकिन दोनों ही देशों ने अस्थायी शरण देने से इनकार कर दिया। ऐसे में वह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारत में मौजूद हैं।
बांग्लादेश में बदल रही स्थिति
बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच भारत सरकार ने बेहद कम समय में शेख हसीना को भारत आने की अनुमति प्रदान की। विदेश मंत्रालय की गुरुवार को होने वाली साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में स्थिति अभी लगातार बदल रही है।
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रणधीर जयसवाल से जब संवाददाताओं ने पूछा कि शेख हसीना भारत में कब तक रहेंगी? इस पर उन्होंने कहा कि हमें उनकी योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं, उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों से जुड़े सवाल पर कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
बांग्लादेश के संपर्क में भारत
उन्होंने कहा कि आज शाम को अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण होना है। एक बार जब यह तमाम चीजें हो जाएंगी तो मैं एक बार पर जोर चाहूंगा कि हमारे लिए बांग्लादेश के लोगों का हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मिशन, हमारे कर्मियों और उस देश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम बांग्लादेश के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
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अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो रहा है। आरक्षण आंदोलनों की आग में झुलसे देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा। स्थिति इतनी ज्यादा असामान्य हो गई है कि सिलहट, खुलना, बरिसाल, ढाका, राजशाही सहित अन्य जगहों पर अल्पसंख्यक घरों में कैद हैं और बाहर निकलने से डर रहे हैं।
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