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लॉकडाउन के 5 साल बाद कितनी बदल गई जिंदगी? कोरोना से डरने और उससे लड़ने तक; दुनिया ने सीखा सबक

कोरोना वायरस के खौफ से पूरी दुनिया सहमी रही, मौत का खतरनाक मंजर सभी ने देखा। वीरान सड़कें और देशभर में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे। वो दौर लॉकडाउन का था, जब पूरे देश में ताला लग गया था। कोरोना के आतंक से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया था। लॉकडाउन के 5 साल बीत चुके हैं।

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कोरोना लॉकडाउन के 5 साल बाद कितनी बदल गई जिंदगी?

कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन को 5 साल बीत चुके हैं। वो वक्त बेहद डरावना था। दुनिया ने शायद इससे पहले कभी ऐसा मुश्किल दौर नहीं झेला था। कोरोना की जद में आने से लाखों लोगों की मौत हो गई। इस कठिन समय में लोग अपने-अपने घरों में बंद होने के लिए मजबूर हो गए थे। लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा तो वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया ने बड़ा सबक भी सीखा।

कोरोना लॉकडाउन के 5 साल में कितनी बदल गई जिंदगी?

22 मार्च, 2020 ये वही तारीख है, जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए ‘जनता कर्फ्यू’ (लॉकडाउन) लगाने का ऐलान किया था। 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लगा दिए गए थे। इस बात को 5 साल बीत चुके हैं। इन पांच सालों में लोगों की जिदंगी कितनी बदल गई, ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। क्योंकि वो ऐसा वक्त था कि लोग घरों में बंद थे, कोरोना वॉरियर्स लोगों की मदद के लिए अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे थे, दुनिया को इस बात का इंतजार था कि इस महामारी का मुकाबला करने वाली वैक्सीन कब आएगी। उस दौर हर किसी के जेहन में खौफ था कि क्या कोरोना के अगले शिकार वो होंगे। खैर, अब समय बदल चुका है। लोगों की जिंदगी पटरी पर आ चुकी है। लोग पहले की तरह अपने-अपने काम में लगे हुए हैं।

पुलिस, डॉक्टर, अस्पतालकर्मी, जैसे कोरोना वॉरियर्स का योगदान

पुलिस और सुरक्षाबलों ने देशभर में लोगों के साथ सख्ती दिखाई। लोगों को कोरोना लॉकडाउन और नियमों का पालन करवाने के लिए तमाम कोशिशें की। आज भी जब वो 5 साल पुरानी यादों के बारे में कोई भी सोचता है तो सहम उठता है। अस्पतालों में लोगों का मजमा लगा रहता था, कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए गए थे। अस्पताल कर्मियों ने अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की और उन्हें 'किलर कोरोना वायरस' से बचाने के लिए तमाम कोशिशें की।

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