एक अनार से 221 सिगरेट के बराबर धुआं, जानें किस पटाखे से कितना प्रदूषण

Pollution From Fire Crackers: दिपावली पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पटाखों में अनार, फुलझड़ी, सांप टैबलेट, चकरी,चटाई, लड़ी होती है। और उनसे निकलने वाला प्रदूषण कितना खतरनाक होता है। उसे PM 2.5 के स्तर से समझा जा सकता है। खास तौर पर जब प्रति 10 लाख पर PM2.5 के निकनले वाले 22 कण एक सिगरेट के बराबर हानिकारक होते हैं।

दिवाली पर प्रदूषण बढ़ने का खतरा

मुख्य बातें
  • दिपावली पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पटाखों में अनार, फुलझड़ी, सांप टैबलेट, चकरी,चटाई, लड़ी होती है।
  • दिल्ली के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी पटाखों पर बैन है।
  • पंजाब, राजस्थान में 2 घंटे के लिए पटाखे जलाने की छूट है।

Pollution From Fire Crackers: देश में 24 अक्टूबर को पूरे धूमधाम से दिपावली मनाई जाएगी। लेकिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस साल भी पटाखों के इस्तेमाल पर कहीं पूरी तरह से प्रतिबंध है तो कहीं पर आंशिक प्रतिबंध है। असल में देश के प्रमुख शहर ऐसे हैं, जो इस समय बढ़ते वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। और दिल्ली जैसे शहर की तो ऐसी हालत है कि यहां पर प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। कई बार तो दिल्ली की तुलना एक गैस चैंबर तक से कर दी गई है। वायु प्रदूषण फैलाने में पटाखों की भी अहम भूमिका रहती है। इसी खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में इस बार भी पटाखों को बैन कर रखा है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि पटाखों से किस स्तर का प्रदूषण फैलता है..

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क्या कहती है रिपोर्ट

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पब मेड की रिपोर्ट के अनुसार दिपावली पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पटाखों में अनार, फुलझड़ी, सांप टैबलेट, चकरी,चटाई, लड़ी होती है। और उनसे निकलने वाला प्रदूषण कितना खतरनाक होता है। उसे PM 2.5 के स्तर से समझा जा सकता है। खास तौर पर जब प्रति 10 लाख पर PM2.5 के निकनले वाले 22 कण एक सिगरेट के बराबर हानिकारक होते हैं।

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