Hoysala Temples: क्या है 'होयसल के पवित्र मंदिर समूह' का इतिहास, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में किया शामिल

Hoysala Temples History: कर्नाटक के होयसल मंदिर समूह की स्थापना 12वीं-13वीं शताब्दी में की गई थी। ये मंदिर होयसल राजवंश के दौरान स्थापित हुए थे। यूनेस्को ने इन्हें विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।

यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हुए होयसल मंदिर

Hoysala Temples History: कर्नाटक में 'होयसल के पवित्र मंदिर समूह' - बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसल मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने यह जानकारी सोमवार को सोलश मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया, उन्होंने इसे भारत के लिए गर्व का पल बताया है।

इससे एक दिन पहले यूनेस्को ने पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की घोषणा की थी। शांतिनिकेतन में ही कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी। यूनेस्को ने एक्स पर कहा, भारत में कर्नाटक के ‘होयसल के पवित्र मंदिर समूह’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।

विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र में लिया गया फैसला

बता दें, यह निर्णय सऊदी अरब के रियाद में जारी विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए और भी गौरव की बात है। होयसल के शानदार पवित्र मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। होयसल मंदिरों की शाश्वत सुंदरता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे पूर्वजों के असाधारण शिल्प कौशल का प्रमाण है।

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