टॉयलेट सीट टैक्स पर विवाद बढ़ने पर बैकफुट पर आई सुक्खू सरकार, कहा-हिमाचल में नहीं लगेगा ऐसा कोई टैक्स
Toilet seat tax : दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में ‘शौचालय कर’ लगाए जाने के दावों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की बेतुकी और आधारहीन है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू।
मुख्य बातें
- हिमाचल प्रदेश में प्रत्येक सीट पर 25 रुपए अतिरिक्त टैक्स लेने की बात चली थी
- इस फैसला की आलोचना होने पर सुक्खू सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा
- सीएम सुक्खू ने भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा
Toilet seat tax : हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ओंकार शर्मा ने टॉयलेट सीट टैक्स विवाद पर सफाई दी है। टाइम्स नाउ नवभारत से खास बातचीत में शर्मा ने कहा कि टॉयलेट सीट के हिसाब से टैक्स वसूलने की जो बात की जा रही है, वह पुरानी है। उस आदेश को वापस लिया जा चुका है। दरअसल, सुक्खू सरकार ने घर में लगे प्रत्येक टॉयलेट सीट के हिसाब टैक्स लगाने की अधिसूचना जारी की थी जिसकी काफी आलोचना हो रही थी। सरकार ने लोगों से प्रत्येक सीट 25 रुपए का शुल्क लेने का फैसला किया था।
अधिसूचना को वापस ले लिया गया है
शर्मा ने कहा कि जिस नोटिफिकेशन की चर्चा की जा रही है वह पहले हुई थी। उस अधिसूचना को वापस ले लिया गया है। हमने देखा कि जो प्रति सीट वाला नियम बना है यह अच्छा नहीं है इसलिए हमने इसको वापस ले लिया। अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट ने एक निर्णय लिया था कि प्रति घर जो ग्रामीण इलाके में हैं, उनसे पानी का चार्ज लिया जाता था लेकिन इसे 2022 में बंद कर दिया गया था। पेयजल को पंपिंग करने का हमारा खर्च 800 करोड़ रुपए हो गया था इसलिए हमने ₹100 प्रति कनेक्शन लेने का फैसला किया था। इसके साथ ही हमने यह भी फैसला किया था कि सीवरेज के जो चार्ज होंगे वो पानी के बिल का 30% किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई: SC ने कहा, आदेश की अवमानना हुई है तो जिम्मेदार अधिकारियों को भेजेंगे जेल
सीएम सुक्खू ने भी टॉयलेट टैक्स को नकारा
दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में ‘शौचालय कर’ लगाए जाने के दावों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की बेतुकी और आधारहीन बयानबाजी करने से परहेज किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक लाभ लेने के लिए राजनीतिक रंग देने का प्रयास नहीं करना चाहिए, विशेषकर उस स्थिति में जब आरोप वास्तविकता से परे हों।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर, SCO Summit में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, मारे गए 7 माओवादी; ऑटोमेटिक हथियार बरामद
जयपुर एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी, CISF को भेजा गया धमकी भरा मेल
सुप्रीम कोर्ट ने एलजी द्वारा MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव कराए जाने पर उठाए सवाल, जारी किया नोटिस
मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदे अजित पवार गुट के विधायक नरहरि झिरवल, धनगर समाज को आरक्षण देने का विरोध
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited