भारत में हाइब्रिड इम्युनिटी बनेगी रामबाण ! जानें चीन जैसा क्यों नहीं होगा हाल

Covid-19 In India: हाइब्रिड इम्युनिटी उस स्थिति को कहते हैं जब लोगों में रोग प्रतिरोधी क्षमता डेवलप हो जाती है। भारत में वैक्सीन लगने और लोगों के संक्रमित होने के कारण बड़े पैमाने पर हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हो गई है। इसकी वजह से एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में चीन जैसी स्थिति नहीं आने वाली है।

covid-19 in india

भारत में खतरा कम !

मुख्य बातें
  • भारत में वैक्सीन की 95 करोड़ सेकंड डोज लग चुकी है।
  • इसके अलावा दूसरी और तीसरी लहर में बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हो चुके हैं।
  • हालांकि अभी तक केवल 30 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है।
Covid-19 In India: चीन में कोरोना का वायरस BF.7 तबाही मचा रहा है। हालात यह है कि चीन के हेल्थ कमीशन के लीक डाटा के अनुसार 20 दिसंबर तक 25 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में भारत में भी संक्रमण का इजाफा हो रहा है। और भारत में कोरोना से संक्रमित एक्टिव की संख्या 3400 पार कर चुकी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भारत में भी कोरोना चीन जैसी तबाही मचा सकता है। अगर एक्सपर्ट की मानें तो भारत में वैसी स्थिति नहीं है, और हाइब्रिड इम्युनिटी भारत के लोगों के लिए रामबाण बन सकती है।
क्या है हाइब्रिड इम्युनिटी
हाइब्रिड इम्युनिटी उस स्थिति को कहते हैं जब लोगों में रोग प्रतिरोधी क्षमता डेवलप हो जाती है। भारत में वैक्सीन लगने और लोगों के संक्रमित होने के कारण हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हो गई है। इसकी वजह से एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में चीन जैसी स्थिति नहीं आने वाली है।
टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा है कि इस समय भारत के लिए चिंता करने की कोई बात नहीं है। भारत चीन जैसी स्थिति में नहीं है। चीन ऐसी स्थिति में है जहां बहुत लोग संक्रमित होंगे, क्योंकि उनके पास वैक्सीन सुरक्षा नहीं हैं।
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चीन और भारत में क्या है अंतर
  • शुरू में चीन ने जीरो पॉलिसी अपनाई थी, जिसकी वजह से वहां मामले सामने नहीं आए।
  • इसके बाद जब उन्होंने टीकाकरण शुरू किया तो टीके अपने ही देश के बने इस्तेमाल किए, जिसकी विश्वसनीयता पर हमेशा सवाले उठेय़
  • वहीं भारत में अब 220 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। इसमें से 95 करोड़ सेकंड डोज की वैक्सीन दी गई है।
  • इसके अलावा भारत में तसीरी लहर में ओमीक्रॉन वैरिएंट का भारत में असर दिखा था, लेकिन वैक्सीनेशन के कारण दूसरी लहर जैसा हाल नहीं हुआ। और BF.7 वैरिएंट ओमीक्रॉन का ही सब वैरिएंट है। ऐसे में भारत की स्थिति में हाइब्रिड इम्युनिटी कारगर साबित हो सकती है।
  • भारत में 30 फीसदी लोग बूस्टर डोज लगवा चुके हैं।
न करें लापरवाही
भले ही देश में अभी 3400 के करीब मामले एक्टिव हैं, लेकिन लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है। ऐसे में सभी लोगों को भीड़-भाड़ इलाके में मास्क पहनना जरूरी है। साथ ही सेनेटाइजर और दूसरी जरूर उपायों को फिर से आदत लाना जरूरी है। इसके अलावा जिन लोगों 70 फीसदी लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, उन्हें जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगवाना चाहिए।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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